गुरसहायगंज। पेंशन हमारे वेतन का अंश है, खैरात नहीं है। इसके बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है। राज्य सरकार की ओर से महंगाई भत्ता रद्द किया गया था। उसको बहाल किया जाए। सांसद, विधायक पुरानी पेंशन लेंगे और कर्मचारी, शिक्षक 40 वर्षों की सेवा के बाद भी इसका लाभ नहीं ले सकता। यह बात कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के जिला संयोजक अशोक सविता ने कही।
रविवार को प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बताया कि कर्मचारी शिक्षक अधिकारी व पेंशनर अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन होगा। सर्वेाच्च न्यायालय द्वारा पेंशन दिए जाने का निर्णय होने के बाद भी इसे लागू नहीं किया रहा। 29 जून 1991 के पश्चात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित किया जाए। हमारे वेतन से कटे धन को सरकार की ओर से शेयर में नहीं लगाने देंगे। बुढ़ापे में जीविकोपार्जन के लिए पेंशन आवश्यक है। बाई श्रेणी के नगरों में 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता प्रदान किया जाए। इस दौरान बमिताभ त्रिपाठी, उदय नारायण, बदन सिंह, श्री कृष्ण यादव, बृजेश गंगवार आदि मौजूद रहे।