पीलीभीत: परिषदीय स्कूलों में तैनात रसोईयों और मई से अब तक पांच माह का मानदेय नहीं मिला है। इससे वह आर्थिक तंगी का सामना कर रही हैं। खास बात कि मानदेय न मिलने के बावजूद रसोईयां जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही हैं और बच्चों को भोजन परोस नहीं हैं। शासन से ग्रांट न आने से रसोईयों को मानदेय न मिल पाने की जिम्मेदार बात कह रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित परिषदीय स्कूलों में बच्चों को एमडीएम योजना के तहत गर्मागर्म भोजन दिया जा रहा है। इसके लिए स्कूलों में रसोईयों की तैनाती है। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के 397 परिषदीय स्कूलों में तकरीबन 13 सौ रसोईयां कार्यरत हैं। शासन स्तर से रसोईयों को प्रत्येक माह का 15 सौ रुपए के हिसाब से समय पर मानदेय दिए जाने का निर्देश है। आरोप है कि जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते रसोईयों को मानदेय देने में लेटलतीफी होती रहती है। इस साल को हद ही हो गई। मई माह से अब तक इनको मानदेय नहीं मिल सका है। कुछ रसोईयों का कहना है कि करीब पांच माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जबकि रसोईयां अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरीके से निभा रही हैं। स्कूलों समय से पहुंचकर खाना पकाने के बाद बच्चों को परोसती हैं। आरोप है कि मानदेय की समस्या की तरफ जिम्मेदार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विभागीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस बार शासन से ग्रांट हीं नहीं आई है। इससे रसोईयों को मानदेय नहीं मिल सका है। जबकि मानदेय के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर जिले को भेजी जा चुकी है। रसोईयों ने जल्द ही समस्त बकाया भुगतान कराए जाने की मांग की है।