मिर्जापुर। फर्जीवाड़े के आरोप में उच्च शिक्षा निदेशक ने जीडी बिनानी पीजी कालेज के सात प्राध्यापकों का वेतन रोक दिया है जबकि एक अन्य का वेतन पहले से ही रोका गया है।
आरोप है कि जीडी बिनानी पीजी कालेज में कई प्राध्यापकों के बारे में पहले भी पर्याप्त अभिलेख एवं आदेश उपलब्ध न होने के बाद भी नियुक्ति करने का आरोप लगाया गया था। इस संबंध में डॉ. अशोक सिंह व अभय प्रताप सिंह ने फर्जी अंकपत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप लगाया था। डॉ. अरविंद मिश्र ने भी शिकायत की थी जिसके आधार पर जब जांच हुई तो महाविद्यालय के प्राचार्य ने डा. राजेश पांडेय के अभिलेखों को उपलब्ध नहीं कराया गया था। इसलिए उनका वेतन पहले ही रोक दिया गया था। इसके बाद एक समिति गठित कर जांच कराई गई थी।
समिति ने डॉ. राजीव अग्रवाल, डॉ. केके चौरसिया, डॉ. मदन कुमार श्रीवास्तव के बारे में आरोप लगाया कि उनकी नियुक्ति पत्र या विनियमितिकरण का आदेश उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही डा. सच्चिदानंद तिवारी, डा. कैलाश नाथ अग्रहरि, डॉ. उमेश सिंह, डॉ. रेखा पाठक पर आरोप लगाया गया कि वे नियुक्ति की तिथि के पूर्व से ही वेतन प्राप्त कर रहे थे। डॉ. राजेेश कुमार पांडेय पर आरोप लगाया गया कि प्राचार्य ने उनको सीधे नियुक्ति पत्र निर्गत कर दिया जबकि पदसृजन का आदेश उपलब्ध नहीं था। इस पर उनका वेतन तो पहले ही रोक दिया गया लेकिन अन्य की जांच चलती रही। इसके बाद जांच आख्या के आधार पर उच्च शिक्षा निदेेशक ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी को पत्र लिखकर वेतन रोकने का आदेश दिया है। इस संबंध में डा. राजीव अग्रवाल ने कहा कि आरोप निराधार है। जो अभिलेख मांगे जा रहे हैं, उनको उपलब्ध करा दिया जाएगा।