परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में कितने पद खाली हैं, इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग को ही नहीं है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में रिक्त पदों की अलग-अलग सूचनाएं दी गई हैं।
अजब-गजब
● पांच साल पहले आखिरी बार जारी हुआ था शिक्षकों को नियुक्ति पत्र
● तब से अब तक तीन बार अलग-अलग रिक्त पदों की दी गई सूचना
● हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं बेरोजगार
अफसरों की लापरवाही का ही नतीजा है कि 11 जुलाई 2013 को शुरू हुई भर्ती आज तक पूरी नहीं हो सकी है। पिछले सवा दो साल से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अभ्यर्थी आलोक चौधरी और मनोज कुमार का कहना है कि जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसिलिंग के बाद 26115 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, लेकिन कानूनी अड़चन के कारण सितंबर-अक्तूबर 2015 में तैनाती दी जा सकी। उसके बाद टीईटी में 82 अंकों के आधार पर सफल अभ्यर्थियों की आठवें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया। इस बीच पूर्व में काउंसिलिंग करा चुके, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं कर सके अभ्यर्थियों को नवंबर 2016 में नियुक्ति का अंतिम अवसर मिला। उनकी प्रक्रिया चल रही थी की सरकार ने 23 मार्च 2017 को मौखिक आदेश से भर्ती रोक दी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दीं। हाईकोर्ट ने मौखिक आदेश को दरकिनार करते हुए दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना।
सरकार ने हाईकोर्ट में ही स्पेशल अपील और पुर्नविचार याचिकाएं दायर की लेकिन दोनों खारिज हो गईं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिका कर दी। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। जो विचाराधीन है।
कब कितने पद खाली होने की बात कबूली
● बेसिक शिक्षा निदेशक ने 4 सितंबर 2017 को हलफनामा दिया कि 3219 पद खाली हैं।
● 20 सितंबर 2019 को जारी आदेश में सरकार ने 3000 पद रिक्त होने की बात कही।
● राज्य सरकार ने 6 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया कि 1159 पद रिक्त।
● एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में 36 जिलों में 3681 पद रिक्त होने की बात।