सरकार की ओर से मानदेय बढ़ाने की घोषणा के बाद भी आगरा के शिक्षामित्रों का आरोप है कि उनके साथ वादाखिलाफी की गई। अगस्त में सरकार की ओर से अनुपूरक बजट में शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी। लेकिन सितंबर के मानदेय में एक हजार रुपये बढ़कर नहीं आए।
घोषणा के बाद भी मानदेय 10 हजार ही दिया गया। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छोंकर ने कहा हैं कि सरकार की ओर से हर बार शिक्षामित्रों के साथ धोखा किया जा रहा है। सहायक अध्यापक बनाने के लिए पात्र शिक्षामित्रों को मौका नहीं दिया जा रहा। जबकि 40 प्रतिशत से अधिक शिक्षामित्र टेट पास हैं। वहीं, जिले में अवसादग्रस्त होकर 17 शिक्षामित्र मौत के मुंह में समा चुके हैं। इनमें से 10 ने आत्महत्या की है। शिक्षामित्रों ने कार्य वहिष्कार की चेतावनी है। बता दें सरकार की नीतियों के खिलाफ शिक्षामित्रों ने पूर्व में तीन महीने काली पट्टी बांधकर काम किया था।