लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों या उनके वारिसों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना का लाभ पाने के लिए दुर्घटना के 30 दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। वे इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर आनलाइन या जिले के श्रम कार्यालय में आफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आफलाइन प्राप्त हुए आवेदनों को श्रम कार्यालय 48 घंटे के अंदर पोर्टल पर आनलाइन दर्ज कराएगा।
श्रम विभाग के संबंधित शासनादेश के मुताबिक आवेदनों की क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त क्षेत्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारियों के माध्यम से एक सप्ताह में जांच पूरी कराएंगे। जांच रिपोर्ट आनलाइन बैंक, बीमा कंपनी, बोर्ड की ओर से अधिकृत संस्था को भेजी जाएगी। राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड अधिकतम 15 दिनों के अंदर दुर्घटना का शिकार हुए श्रमिक या उसके वारिसों को निर्धारित आर्थिक सहायता मुहैया कराएगा। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के 4.5 करोड़ श्रमिक हैं। दुर्घटनावश मृत्यु होने पर आवेदन पत्र के साथ मृत्यु प्रमाणपत्र, विधिक वारिसों का प्रमाणपत्र तथा आयु प्रमाणपत्र भी देना होगा। दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से जारी किया गया प्रमाणपत्र मान्य होगा।
दुर्घटना के कारण मृत्यु/दिव्यांगता की स्थिति में देय धनराशि
मृत्यु या पूर्व शारीरिक अक्षमता पर दो लाख रुपये
दोनों हाथ या दोनों पैर या दोनों आंख की क्षति पर दो लाख रुपये
एक हाथ तथा एक पैर की क्षति पर दो लाख रुपये
एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति पर एक लाख रुपये
स्थायी दिव्यांगता 50 फीसद से अधिक लेकिन 100 फीसद से कम पर एक लाख रुपये
स्थायी दिव्यांगता 25 फीसद से अधिक लेकिन 50 फीसद से कम पर 50 हजार रुपये
पांच लाख तक कैशलेस इलाज की भी सुविधा : असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों व उनके स्वजनों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की निश्शुल्क सुविधा भी मिलेगी। इस योजना का क्रियान्वयन उप्र राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड द्वारा स्टेट एजेंसी कंप्रीहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साची) के माध्यम से कराया जाएगा। सरकार की ओर से यह फैसला लेने के बाद श्रम विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।