लखनऊ। शिक्षा विभाग के कार्यालयों में समूह ‘ग’ के कार्मिक वर्षों से जमे हैं, तीसरे साल उनका तबादला नहीं हो सका है। वार्षिक स्थानांतरण के समय अफसर व पटल सहायकों ने मिलकर तबादला आदेश जारी ही नहीं किए। शासन की सख्ती के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने विलंब के लिए दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। शिक्षा निदेशालयों के अलावा मंडल व जिला मुख्यालयों के कार्यालयों पर समूह ‘ग’ के करीब चार हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, वैयक्तिक सहायक ग्रेड एक व दो, आशुलिपिक आदि वर्षों से एक ही कार्यालय व पटल पर जमे हैं। वे यहां से हटना नहीं चाहते। 2018-19 में तबादला आदेश हुए जरूर लेकिन उनमें खामियां होने से विभाग को उन्हें रद करना पड़ा, वजह कार्मिकों ने कोर्ट ने उन्हें चुनौती दी थी, फिर कोरोना संक्रमण की वजह से तबादले नहीं हुए। इस वर्ष शासन ने जुलाई में ही वार्षिक स्थानांतरण का आदेश दिया। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आठ, 14 जुलाई व 27 अगस्त को आदेश दिया था कि माध्यमिक व बेसिक शिक्षा कार्यालयों के कार्मिकों का स्थानांतरण किया जाए।
निदेशालय ने इस संबंध में तबादला आदेश जारी ही नहीं किया। अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा के निर्देश पर भी तबादला सूची नहीं बनी। उन्होंने पटल सहायकों पर कार्रवाई करने के लिए लिखा तो उस भी कुछ नहीं हुआ। इधर, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने निर्देश दिया कि तबादला न होने के दोषी अधिकारी व कर्मियों पर कार्रवाई की जाए, इस आदेश के चंद दिन बाद ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने समूह ‘ग’ के तबादला करने का आदेश दिया, हालांकि दोनों आदेश पर कुछ नहीं किया गया। अब महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका ने शिक्षा निदेशक बेसिक व अपर शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा को निर्देश दिया है कि इस मामले में दोषी कार्मिकों से स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई करके शासन को अवगत कराया जाए।