प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 2003 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के तहत शनिवार को आयोजित हिंदी विषय की परीक्षा के पांच प्रश्नों पर में अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग को साक्ष्यों के साथ आपत्ति भेजने जा रहे हैं।
बुकलेट सीरीज ए के प्रश्न संख्या 48 दक्षिण के अलवार संत किस शाखा से संबंधित माने जाते हैं? के चार विकल्प (प्रेममार्गी, ज्ञानमार्गी, रामभक्ति शाखा या कृष्णभक्ति शाखा) में से किसी को अभ्यर्थी पूरी तरह सही नहीं मान रहे हैं। अभ्यर्थी धीरेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि चारों विकल्पों से कोई भी तथ्य हिंदी साहित्य की किसी भी प्रामाणिक पुस्तक में उपलब्ध नहीं है।
इसलिए भी कि अलवार वैष्णव भक्ति शाखा से संबंधित हैं, जबकि राम और कृष्ण दोनों ही विष्णु के अवतार हैं। प्रश्न संख्या 50, श्री रामानुजाचार्य की भक्ति किस भाव की है? के दो विकल्पों को अभ्यर्थी सही मान रहे हैं। प्रश्न संख्या 61, ‘सौभाग्य और दुर्भाग्य मनुष्य की दुर्बलता के नाम हैं।’ यह किसका कथन है? का कथन ध्रुवस्वामिनी नाटक से है।
जबकि हिंदी के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के नाट्य खंड में निर्धारित छह नाटक में ध्रुवस्वामिनी नाटक है ही नहीं। जो पाठ, निर्धारित पाठ्यक्रम में है ही नहीं, उससे इतर पाठ के प्रश्न को हटाया जाना चाहिए। प्रश्न संख्या 21, महाराजा रणजीत सिंह का जन्म किस ‘मिस्ल’ में हुआ था? के विकल्प में ‘सुक्कर चकिया’ शब्द लिखा है जबकि सही शब्द ‘सुकर चकिया’ है।
प्रश्न संख्या 26 के विकल्प ए में ‘डैम्पा’ की जगह सही शब्द ‘डंपा’ या ‘दंपा’ होना चाहिए। विकल्प बी में ‘वाल्मीकि रिजर्व’ शब्द अपूर्ण है, सही शब्द वाल्मीकि टाइगर रिजर्व या वाल्मीकि बाघ अभ्यारण होना चाहिए।