वाराणसी : जिले के 550 सरकारी स्कूलों की 1100 कक्षाएं पूरी तरह से स्मार्ट बनाई जाएंगी। स्कूलों में प्रोजेक्टर, टीवी व अन्य उपकरण लगाए जाएंगे। शासन से बजट भी जारी हो गया है। अगले सप्ताह से स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। स्मार्ट कक्षाएं होने से शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए डिजिटल मंच मिलेगा। ई-लर्निंग से विद्यार्थियों की अध्ययन में रुचि बढ़ेगी। इसमें जर्मनी और अमेरिका के हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे।
जिले में अब तक 700 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास सिस्टम लगाया जा चुका है। अगली कड़ी में 550 विद्यालयों की दो कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में तब्दील किया जाएगा। अब तक सरकारी स्कूलों की पहचान जर्जर भवन और टूटी फूटी मेज और गंदगी से हुआ करती थी, लेकिन अब स्कूलों के आधारभूत ढांचे में बदलाव और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर तेजी से काम हो रहा है। जिले के सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास सिस्टम लगाए जा रहे हैं। इसके बाद डिजिटल कक्षाएं चलाई जाएंगी। कक्षाओं को जर्मनी और अमेरिकी तकनीक वाले हाईटेक स्मार्ट क्लास से लैस किया जाएगा। इसका टेंडर निजी कंपनी को दिया गया है।
ये होगी सुविधा
स्मार्ट क्लास में ब्लैक बोर्ड की जगह एक बड़ी सी स्क्रीन होती है। जिस पर कंप्यूटर और प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को पढ़ाया जाता है। पाठ और सवाल समझाने के लिए थ्री डी इमेज, डायग्राम व रोचक वीडियो प्री लोडेड होते हैं।
कोट
जिले के सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार करने के निर्देश हैं। अब तक 700 स्कूलों में एक क्लास को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया गया था। अब 550 विद्यालयों मेंदो कक्षाओं को स्मार्ट बनाया जाएगा।
-राकेश सिंह, बीएसए