अल्पसंख्यक बीएड संस्थानों की 50 फीसदी सीटों पर दाखिले राज्य प्रवेश परीक्षा के जरिए होंगे। यदि ये संस्थान राज्य प्रवेश परीक्षा के छात्रों को प्रवेश नहीं देते हैं तो उन्हें प्रवेश परीक्षा करानी होगी और छात्रों के सत्यापन के लिए ब्योरा संबंधित विवि को भेजना होगा। यह व्यवस्था इन संस्थाओं की ओर से बीएड की 50 फीसदी सीटों पर मनमाना प्रवेश देने की शिकायतों के मद्देनजर की गई है।
बीएड प्रवेश परीक्षा की समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि कई विवि ने अल्पसंख्यक संस्थानों को प्रवेश परीक्षा से ही दाखिला लेने के निर्देश दिए हैं। 16 नवंबर से उनके लिए अलग से काउंसिलिंग कराई जाएगी। यदि ये संस्थान चाहें तो अपनी ओर से प्रवेश परीक्षा भी करा सकते हैं, लेकिन छात्रों का ब्योरा उन्हें संबंधित विवि के रजिस्ट्रार को भेजना होगा। वे सत्यापन कर छात्रों का ब्योरा लविवि को भेजेंगे।
उन्होंने बताया कि दो चरण की काउंसिलिंग के बाद 1.15 लाख सीटें रिक्त हैं। इसलिए सीधी काउंसलिंग के जरिए बीएड कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया 8 से शुरू होकर 13 नवंबर तक चलेगी। सीधी काउंसिलिंग में करीब सात अन्य कॉलेजों की भी सीटें जुड़ जाएंगी।