प्रयागराज: उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने प्रधानाचार्यों की भर्ती में लिखित परीक्षा प्रणाली का स्वागत किया है। हालांकि परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा ने नई व्यवस्था लागू करने से पहले वर्षों से कार्यरत 75 से 80 फीसदी तदर्थ प्रधानाचार्यों को विनियमित करके तदर्थवाद को समाप्त करने की मांग की है। इसके लिए शासन को कॉलेजों में चल रही कठिनाई से निजात दिलाने के लिए कठिनाई निवारण अध्यादेश के आधार पर विधिक कार्यवाही करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि यदि शासन ने उचित न्याय नहीं किया तो अनेक प्रधानाचार्य न्याय मांगने के लिए कोर्ट का रुख कर सकते हैं। साथ ही शासन को सुझाव दिया है कि प्रधानाचार्य ग्रेड का वेतनमान प्राप्त कर रहे सभी प्रधानाचार्यों को विनियमित करने के बाद रिक्त पदों को एक वर्ष से अधिक रिक्त न रहने दिया जाए
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