प्रतापगढ़ : जिले में डीएलएड में रिक्त सीटों पर डायरेक्ट प्रवेश के बाद भी 25 फीसद सीटें खाली रह गईं। इसके पीछे बीएड के प्रति छात्र-छात्राओं का अधिक रुझान माना जा रहा है। डायट सहित निजी संस्थानों में डायरेक्ट डीएलएड एडमिशन की प्रक्रिया आठ से 13 नवंबर तक चली। एडमिशन लेने वाले छात्रों की लिस्ट संस्थानों को 15 नवंबर तक वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया था।जिले में डायट सहित सभी निजी कालेजाें में डीएलएड की कुल 5500 सीटें हैं। इसमें प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के बाद लगभग 65 प्रतिशत सीटें खाली थीं। इसके लिए परीक्षा नियामक प्रभारी प्रयागराज ने डायरेक्ट एडमीशन के जरिए खाली सीटें भरने का निर्देश दिया था। इसकी प्रक्रिया 13 नवंबर तक चली थी। इसके बावजूद 25 फीसद सीटें अभी भी खाली रह गईं। डायट के उप शिक्षा निदेशक मो. इब्रााहिम ने बताया कि युवाओं का रुझान बीएड में अधिक होने के कारण डीएलएड की सीटें खाली रह गईं। बीएड करने के बाद प्राइमरी एवं माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक बन जाते हैं।
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