बांदा। कुंडी खटखटाओ-टीका लगाओ। वैक्सीनेशन के इस अभियान में बुधवार को डीएम अनुराग पटेल ने डिंगवाही गांव में दस्तक दी। खुद घर-घर जाकर महिला-पुरुषों का टीकाकरण कराया। उधर, गांव के प्राथमिक स्कूल में घटिया पठन-पाठन और अव्यवस्थाओं पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब करते हुए स्कूल के सभी अध्यापकों और शिक्षामित्र का नवंबर माह का वेतन रोक दिया। तीन लोगों द्वारा टीका न लगवाए जाने पर उनके सरकारी कोटे की दुकान से राशन लेने पर रोक लगा दी।
डीएम को गांव के प्रधान व आंगनबाड़ी ने बताया कि रामभजन, राधेश्याम और बैजनाथ टीका नहीं लगवा रहे। डीएम ने कोटेदार को निर्देश दिया कि यह तीनों जब तक वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र न दिखाएं तब तक इनको राशन न दिया जाए।
डीएम ने कई महिला-पुरुषों को खुद टीका लगवाया। प्रशासन पोषण पाठन अभियान के तहत गांव के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। मेन्यू में दूध-खिचड़ी थी, लेकिन सिर्फ खिचड़ी ही दी गई। शौचालय गंदा और पानी की आपूर्ति नहीं थी।
डीएम ने बच्चों से गिनती सुनी। दो बच्चे ही सौ तक गिनती सुना पाए। 66 में सिर्फ 21 बच्चों को पहाड़े याद थे। गणित काफी कमजोर मिली। एक बालिका को छोड़कर अन्य बच्चे पांच करोड़ के अंक नहीं लिख पाए।
इन अव्यवस्थाओं पर डीएम ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही स्कूल के सभी अध्यापकों और शिक्षामित्र का नवंबर माह का वेतन/मानदेय रोक दिया। डिप्टी कलेक्टर सौरभ यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी राम प्रकाश, आंगनबाड़ी सीमा राजपूत, मिथलेश व गीता, आशा कमला, गीता, सावित्री, अर्चना यादव आदि उपस्थित रहीं।
उधर, प्रशासन पोषण पाठन अभियान के तहत बुधवार को जनपद के 101 जिला स्तरीय अफसरों ने अपने आवंटित गांवों में ग्रामीणों का टीकाकरण कराया और परिषदीय स्कूलों के पठन-पाठन को परखा। डीएम अनुराग पटेल ने डिंगवाही गांव में प्राथमिक विद्यालय में यह काम अंजाम दिया।