बिजनौर: विकास खंड कोतवाली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर त्रिलोक में कार्यरत अध्यापक के दस्तावेज घेरे में आ गए हैं। जनसूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत मांगी गई सूचना में उक्त अध्यापक का मृत्यु प्रमाणपत्र भी फर्जी पाया गया। आरटीआइ कार्यकर्ता ने इस प्रकरण की जांच कराकर आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की है।
यह है मामला
प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर त्रिलोक में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रवीण कुमार कार्यरत थे। प्रवीण कुमार की मृत्यु का समाचार 11 जून को प्राथमिक शिक्षक संघ नगीना कोतवाली के वाट्सएप ग्रुप पर आया था। यह संदेश प्रवीण कुमार के मोबाइल नंबर से जारी हुआ था। जिसमें बताया गया था कि सांस की परेशानी के कारण प्रवीण की मृत्यु हो गई है। यह सूचना अध्यापक प्रवीण कुमार के पिता ज्ञानचंद ने एबीएसए कोतवाली देहात को पत्र के जरिए दी और अध्यापक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी रजिस्टर्ड डाक से भेजा था।
करौंदा चौधर गांव निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता ऋषि त्यागी ने इस संबंध में जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत कर अध्यापक के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराने की मांग की। जन सूचना अधिकारी ने उक्त अध्यापक की मृत्यु होने की जानकारी देने के साथ-साथ अध्यापक का आधार कार्ड, पैन कार्ड और उनके मृत्यु प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति भी शिकायतकर्ता को उपलब्ध करा दी। ऋषि त्यागी ने कागजों की जांच के लिए अमरोहा जिले के ग्राम पंचायत लतीफपुर से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी।
सूत्रों का कहना है कि ग्राम पंचायत लतीफपुर (अमरोहा) की पंचायत सचिव हेमलता ने आवेदक को भेजे जवाब में कहा कि प्रवीण कुमार पुत्र ज्ञानचंद का मृत्यु प्रमाण पत्र और उस पर हस्ताक्षर फर्जी हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र भी ग्राम पंचायत के जन्म- मृत्यु पोर्टल पर भी अंकित नहीं है और ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में भी प्रवीण कुमार पुत्र ज्ञानचंद नाम का कोई व्यक्ति पंजीकृत नहीं है। ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट में भी प्रवीण कुमार का नाम नहीं हैं। इस पर शिकायतकर्ता ऋषि त्यागी ने शिक्षा विभाग के आला अफसरों से उक्त प्रकरण की जांच कराकर आरोपित पर कार्रवाई की मांग की है। एबीएसए देशराज वत्स ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। अग्रिम कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बीएसए को भेज दी है। वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरण यादव का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद जांच कराकर आरोपित पर कार्रवाई की जाएगी।