वाराणसी : चितईपुर थाना अंतर्गत करौंदी स्थित एजीएम इंफोटेक सेंटर में दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा थी। केंद्र प्रबंधक और परीक्षा करा रही एजेंसी के कर्मचारियों ने चेकिंग के दौरान एक अभ्यर्थी का आधार कार्ड संदिग्ध होने पर गेट पर ही रोक दिया। प्रवेश पत्र और आधार कार्ड पर अलग-अलग फोटो से मामला पकड़ में आया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की पूछताछ के दौरान पकड़े गए विद्याशंकर निवासी भिटकुरी प्रयागराज ने बताया कि परीक्षा पास कराने के लिए 10 लाख में सौदा हुआ था। मेरा काम था कि परीक्षा केंद्र में प्रवेश पत्र लेकर अभ्यर्थी सीट पर अपना थंब इम्प्रेशन देना, उसके बाद दूसरा व्यक्ति आकर परीक्षा देता, जिससे फिजिकल में मेरा थंब सही रहता और कोई दिक्कत नहीं होती। पुलिस की पूछताछ में विद्याशंकर ने बताया कि पहले टाइपिंग सीखता था, वहीं पर शैलेन्द्र चौधरी व महेंद्र कुमार निवासी प्रयागराज से मुलाकात हुई तो यह योजना बनी।
केंद्र से ही पकड़े गए दूसरे अभ्यर्थी बिहार गया के धनगाई निवासी विश्वजीत ने बताया कि विद्याशंकर का प्रवेश पत्र व आधार कार्ड पटना के रहने वाले दीपक के मामा का लड़का और उसका एक साथी ड्राइवर दिनेश जो नालंदा बिहार में रहता है, उसके कहने पर परीक्षा देने आया था। इसके एवज में 20 हजार रुपये मिलते। अभ्यर्थी प्रवेश के बाद अपना थंब इम्प्रेशन लगाकर बाहर निकलता तो उसकी जगह फर्जी फोटो लगाकर परीक्षा देता। एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। दोनों को सुबह न्यायालय में पेश किया जाएगा।