बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय ग्रीन स्कूल में बदलेंगे। शासन ने लखनऊ, वाराणसी और सिद्धार्थनगर के साथ गोरखपुर जिले को योजना के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है।
यहां सफल होने के बाद योजना पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। ये स्कूल सौर ऊर्जा से संचालित होने के साथ परिस्थिति के अनुरूप और भूकंपरोधी भवन वाले होंगे। गोरखपुर से पांच स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किए जाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। स्कूलों का चयन साढ़े चार हजार से पांच हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल और छात्र-छात्रओं की अधिकतम संख्या के आधार पर किया गया है।
योजना के मुताबिक यह स्कूल दूसरे माडल स्कूलों से अलग होंगे। ग्रीन स्कूलों में रोशनी के बेहतर प्रबंधन के साथ भूकंपरोधी तथा हवायुक्त भवन की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा स्मार्ट क्लासेज, स्वच्छ पेयजल, पुस्तकालय और वाचनालय, सौर ऊर्जा से बिजली प्रबंधन, खेल का मैदान और झूले की भी व्यवस्था होगी। यहां बगीचा भी होगा ताकि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा जा सके।
बेसिक शिक्षा विभाग ने ग्रीन स्कूल के लिए जिले के चार स्कूलों के नाम का भेजा प्रस्ताव
पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी व सिद्धार्थनगर जनपद चयनित
इन स्कूलों के भेजे गए हैं नाम
ग्रीन स्कूल के लिए पांच स्कूल चयनित किए गए हैं। इनमें कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय खजनी, कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय नेतवर कैंपियरगंज, कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय उनवल बांसगांव, कंपोजिट विद्यालय शेरपुर चमराह जंगल कौड़िया तथा कंपोजिट विद्यालय गोला शामिल हैं।
जिले के पांच स्कूलों का चयन कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। प्रस्ताव में मानक पूरा करने वाले, अधिकतम छात्र-छात्रओं तथा अधिक आबादी वाले ब्लाकों में स्थित स्कूलों के नाम भेजे गए हैं। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद इस दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा।
रमेंद्र कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी