सीतापुर। परिषदीय विद्यालयों के शैक्षिक सत्र के करीब पांच माह बीतने को हैं, लेकिन अभी तक नौनिहाल के पास पुस्तकें नहीं पहुंच सकी हैं। किसी ब्लॉक में बीआरसी पर पुस्तकें डंप हैं तो कहीं छात्र संख्या बढ़ने की वजह से नौनिहालों के पास किताबों का अभाव है। अफसरों की लापरवाही का खामियाजा नौनिहाल भुगत रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों में नौनिहालों को शासन की तरफ से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं। इस बार कोरोना के कारण जुलाई से शैक्षिक सत्र प्रारंभ हो गया था। उस समय ऑनलाइन क्लासेज चल रही थी। सितंबर से विद्यालय खुल गए थे। उसके बाद से लगातार नौनिहाल विद्यालय पढ़ने आ रहे हैं। लेकिन अभी तक नौनिहालों के पास पुस्तकें नहीं पहुंच सकी हैं।
जबकि इन पुस्तकों का वितरण हर हाल में 20 अक्तूबर तक हो जाना चाहिए था। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पुस्तकें बीआरसी पर पड़ी हुई है। जबकि जिला मुख्यालय से सभी पुस्तकें बीआरसीवार काफी समय पहले भेजी जा चुकी हैं। अब बीईओ की देखरेख में विद्यालयवार पुस्तकें पहुंचनी है। लेकिन बीईओ इन पुस्तकों का वितरण कराने में लापरवाही बरत रहे हैं।
नवंबर माह के आखिर में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने की उम्मीद है। ऐसे में जब नौनिहालों के पास पुस्तकें ही नहीं है तो वह अपना कोर्स कैसे तैयार करेंगे। नौनिहाल बिना पुस्तकों के ही विद्यालय पढ़ने आ रहे हैं।
इससे पहले भी उजागर हुई थी लापरवाही
बीआरसी पर पुस्तकें डंप होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले करीब तीन माह पूर्व बीआरसी महमूदाबाद में नई पुस्तकें एक कमरे में बंद मिली थी। बीएसए ने एक शिकायत के आधार पर उस कमरे को खुलवाया था तो वह भी इसे देखकर दंग रह गए थे। उस समय बीईओ ने कोरोना के कारण पुस्तक वितरित न होने की दलील दी थी। अब फिर से बीआरसी पर पुस्तकें डंप हैं।
बीआरसी में धूल फांक रही पुस्तकें
पिसावां बीआरसी पर पुस्तकों का ढेर लगा है। एक कमरे में बच्चों की किताबें पड़ी हैं। विभाग के जानकारों का कहना है कि ब्लॉक में 12 संकुल क्षेत्र हैं। इसमें महज सात में अभी तक पुस्तकों का वितरण हो पाया है। पांच संकुल में एक भी पुस्तक नहीं पहुंची है। इससे नौनिहाल बिना किताबों के ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह हालात तब है जब शिक्षण सत्र के पांच माह बीत गए हैं। अभी तक नौनिहाल बिना पुस्तकों के ही पढ़ रहे हैं। बीईओ दिनेश चंद्रा ने बताया कि पुस्तकों के लिये टेंडर डाले गए थे। ठेकेदार द्वारा पुस्तकों का वितरण किया जा रहा है।
खैराबाद बीआरसी के बरामदे में पड़ी हैं पुस्तकें
खैराबाद बीआरसी के बरामदे में किताबें पड़ी हैं। खैराबाद ब्लॉक में 178 विद्यालयों में 25 हजार किताबों का वितरण होना था। लेकिन अभी भी करीब दो हजार किताबें 20 विद्यालयों की बीआरसी पर पड़ी है। खंड शिक्षा अधिकारी अशोक यादव ने बताया कि कोरोना काल की वजह से टेंडर की प्रक्रिया लेट हुई थी। सबसे बाद में खैराबाद बीआरसी को किताबें मिली है। करीब दो हजार किताबें बची हैं। वह भी जल्द से जल्द वितरित करवा दी जाएंगी।
कोर्स तैयार करने में दिक्कत
रामपुर मथुरा विकासखंड में करीब दो हजार बच्चों के पास एक भी पुस्तक नहीं है। इससे नौनिहाल बिना किताबों के ही पढ़ने आ रहे है। अब जब अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होने को है तो बच्चों के पास पुस्तकें नहीं हैं। इससे बच्चों को कोर्स तैयार करने में काफी दिक्कतें आ रही है। बीईओ नवीन कुमार का कहना है कि बच्चों की संख्या बढ़ गई है। नई डिमांड का आंकलन कराया जाएगा। उसके बाद बढ़ी छात्र संख्या के लिए डिमांड भेजी जाएगी।
भेजी जा चुकी हैं पुस्तकें
जिला मुख्यालय से सभी पुस्तकें बीआरसी को भेजी जा चुकी है। अधिकांश जगहों पर इनका वितरण हो गया है। अगर किसी ब्लॉक में पुस्तकें नहीं पहुंची तो वहां के मामले को दिखवाया जाएगा।
अजीत कुमार, बीएसए