यूपी शासन की ओर से छात्रों को स्मार्टफोन/टैबलेट वितरण करने के लिए चल रही डाटा जुटाने की प्रक्रिया में कॉलेजों के हिस्से में एक नई कसरत आ गई है। अब कॉलेजों को पहले छात्रों का मास्टर डाटा शनिवार शाम तक लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजना है और उसके बाद 15 नवम्बर तक शासन के फॉर्मेट पर निदेशालय को उपलब्ध कराना है।
इस सम्बंध में शुक्रवार को लखनऊ विवि में एक बैठक भी बुलाई गई। इस पूरी प्रक्रिया के विषय में रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने यह स्पष्ट किया गया कि स्मार्टफोन/टैबलेट वितरण की यह योजना सत्र 2021-22 के सभी अध्ययनरत छात्रों के लिए है। उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का पहले मास्टर डाटा तैयार होना है। इस मास्टर डाटा में कॉलेज कोड, कॉलेज का नाम, पता, जनपद, पिनकोड, नामित नोडल अफसर का नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नम्बर, व्हॉट्सएप नम्बर दिया जाएगा। यह सारी सूचना कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए गूगल लिंक http://forms.gle/SdFprhmdvY9Dja7D7 पर शनिवार की शाम तक अनिवार्य रूप से अपलोड कर देनी है। इसके अलावा उप्र शासन के लिंक http://bit.ly/StuDataTemplate पर उपलब्ध फॉर्मेट में 15 नवम्बर तक डाटा भेजना है। रजिस्ट्रार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना के लिए छात्रों को किसी तरह का रजिस्ट्रेशन या आवेदन नहीं करना है।
जिलों के कॉलेजों को दोहरी मेहनत
लखनऊ विवि से इस सत्र में चार नए जिलों लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली के कॉलेज जुड़े हैं, जिसके बाद लखनऊ विवि से सम्बद्ध कॉलेजों की संख्या 500 से भी ज्यादा हो गई है। इन जिलों के कॉलेजों को अपने यहां सत्र 2021-22 में प्रवेश लेने वाले केवल प्रथम वर्ष के छात्रों का डाटा लखनऊ विवि को भेजना है। चूंकि इससे पहले कॉलेजों को कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्धता मिली हुई थी, इसलिए पहले के सत्रों में दाखिला लेने वाले छात्रों का डाटा ये कॉलेज कानपुर विश्वविद्यालय को ही भेजेंगे। वहीं लखनऊ जिले के कॉलेज अपना सारा डाटा लखनऊ विश्वविद्यालय को ही भेजेंगे।