लखनऊ : बीते चार साल में लगभग आधा दर्जन राज्य स्तर की परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं और परीक्षाएं दोबारा करानी पड़ी है। इसमें पुलिस भर्ती से लेकर टीईटी तक की परीक्षाएं शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार 25 जुलाई 2017 को प्रदेश भर दरोगा भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसके बाद इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। इसी तरह मार्च 2018 में पावर कार्पोरेशन में जेई, एई के पदों पर होने वाली भर्ती केलिए परीक्षा आयोजित की गई थी।
इस परीक्षा में भी एसटीएफ ने गैंग पकड़ कर पेपर लीक होने का खुलासा किया था। एसटीएफ की ही रिपोर्ट पर परीक्षा रद्द की गई थी और परीक्षा दोबारा कराई गई थी। 2018 में 15 जुलाई को हुई 641 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। इसका खुलासा एसटीएफ ने तीन महीने बाद किया था।
जून 2018 में हुई सिपाही भर्ती के लिए परीक्षा का दूसरी पाली का प्रश्न पत्र पहली पाली में बंट जाने के कारण परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। लगभग 10 लाख अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा के लिए बुलाया गया था। 2 सितंबर 2018 को नलकूप आपरेटर की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिसमें यूपी एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। यह परीक्षा भी दोबारा करानी पड़ी थी।
इसके अलावा लगभग सभी प्रमुख परीक्षाओं में यूपी एसटीएफ न सिर्फ पेपर लीक करने वालों पर नजर रखती है बल्कि हर परीक्षा में कम से कम दो से चार साल्वर और साल्वर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। मौजूदा समय में चल रही दरोगा भर्ती परीक्षा के दौरान भी अब तक डेढ़ दर्जन साल्वर और नकल कराने वाले गिरोह यूपी एसटीएफ के हाथ लग चुके हैं।