,प्रयागराज।पेपर लीक के कारण यूपी-टीईटी निरस्त होने से सरकार को तकरीबन 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। परीक्षा के लिए पेपर सेट करने से लेकर मॉडरेशन, प्रिंटिंग, जिलों तक पेपर और ओएमआर शीट पहुंचाने आदि पर मोटी रकम खर्च हो चुकी थी।
सरकार ने 25 करोड़ रुपये जारी कर दिया था।परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने पहली बार लाइव सर्विलांस की भी व्यवस्था की थी। परीक्षा कराने के लिए प्रति पाली डीएम को तीन हजार, एसएसपी को ढाई हजार, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, सचल दल प्रभारी, कोषाधिकारी व केंद्र व्यवस्थापक को दो-दो हजार रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते हैं।
कक्ष निरीक्षकों को 750 रुपये देने का प्रावधान है। पहली पाली की परीक्षा के लिए निर्धारित 2554 केंद्रों के केंद्र व्यवस्थापक को ही मानदेय के रूप में दो हजार रुपये के हिसाब से 51 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। इसी प्रकार प्रति केंद्र 20 कक्ष निरीक्षक भी लगाए गए तो 51 हजार से अधिक कक्ष निरीक्षकों को तकरीबन चार करोड़ की भारी-भरकम राशि मानदेय के रूप में दी गई।पेपर लीक के कारण सारी तैयारी और खर्च की गई रकम पानी में चली गई। अब नये सिरे से पेपर सेट करवाने पर खर्च करना पड़ेगा।