हरदोई। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में स्टाफ की हाजिरी के लिए लगाई गईं बायोमीट्रिक मशीनों को हटवाया कर उनके स्थान पर हाईटेक थंब मशीनें लगाईं जाएंगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन मशीनों में डाटा पूरी तरह से ऑनलाइन होगा। अंगूठा लगते ही राज्य परियोजना कार्यालय में दर्ज हो जाएगी, इसमें फेरबदल संभव न होगा।
जिले में 20 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। इनमें 2000 बालिकाएं व करीब 250 से अधिक स्टाफ है, जो छात्राओं को पढ़ाने से लेकर हॉस्टल में रहने के दौरान उनकी देखरेख करता है। स्टाफ व छात्राओं की पहले रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज होती रही, लेकिन कुछ वर्षों के बाद ही बायोमीट्रिक थंब मशीनें लगा दी गईं। बताया गया कि थंब मशीन से प्रिंट आउट लेकर सभी की उपस्थिति देखी जाती है।
बाद में इस डाटा से छेड़छाड़ की शिकायत मिलने लगी। यह शिकायत सिर्फ यहीं नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी है। इसको लेकर राज्य परियोजना ने हाईटेक थंब मशीनें लगाने का निर्णय लिया है। यह मशीन ऑनलाइन कार्य करेगी। इसमें खास बात यह है कि कोई फेरबदल की गुंजाइश ही नहीं रहेगी। परियोजना की ओर से जिले में इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अविनाश पांडे का कहना है कि परियोजना की ओर से निर्देशों के साथ धनराशि भी आवंटित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि नवंबर व दिसंबर तक खरीद का कार्य पूरा हो जाएगा। नए साल में इन्हीं मशीनों पर उपस्थिति दर्ज होने लगेगी।
कस्तूरबा विद्यालयों में प्रेरणा पोर्टल पर भी स्टाफ व बालिकाओं की उपस्थिति दर्ज करवाई गई लेकिन इसमें से बताया जा रहा है कि दो से तीन बार ट्राई करने पर लखनऊ में भी बैठी शिक्षिका जिले से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा देती है जिसके बाद नई थंब मशीनों को लाने की आवश्यकता आन पड़ी