प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पद होने का हलफनामा दे चुकी सरकार नई भर्ती के पद विज्ञापित नहीं कर रही है।
छात्र के अनुपात में स्वीकृत शिक्षकों के रिक्त पदों का आकलन करने के लिए सरकार ने करीब दो माह पहले तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में डीएलएड प्रशिक्षितों को डर है कि शिक्षक भर्ती विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में फंस सकती है।
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पद होने का हलफनामा दे चुकी सरकार नई भर्ती के पद विज्ञापित नहीं कर रही है। छात्र के अनुपात में स्वीकृत शिक्षकों के रिक्त पदों का आंकलन करने के लिए सरकार ने करीब दो माह पहले तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में डीएलएड प्रशिक्षितों को डर है कि भर्ती विज्ञापन जारी करने में हीलाहवाली से वह प्रदेश के आसन्न विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में फंस सकती है। इस कारण भर्ती विज्ञापन जारी कर जल्द से जल्द परीक्षा कराई जाए।
इस संबंध में डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार मुख्यमंत्री को पत्र भी भेज चुके हैं। शिक्षकों के रिक्त पदों का आंकलन कर रही समिति को भी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने बताया है कि प्राथमिक की 69 हजार शिक्षक भर्ती में 51 हजार, 112 पद रिक्त होने का हलफनामा सरकार ने खुद ही सुप्रीम कोर्ट में दिया है। समिति को अभ्यर्थियों ने यह भी अवगत कराया है कि 68 हजार 500 शिक्षक भर्ती में भी 20 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। इसे भी नई भर्ती में जोड़ने की मांग की गई है। यह भी मांग रखी है कि कोरोना काल के बाद परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश अधिक हुए हैं, इस कारण पद के आंकलन में सितंबर मध्य तक हुए प्रवेश के आकड़ों के अनुपात से शिक्षकों के रिक्त पदों की गणना की जाए।
भर्ती विज्ञापन में देरी से भर्ती के लिए इंतजार कर रहे डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार परेशान हैं। प्रशिक्षित बेरोजगार पंकज कुमार मिश्र का कहना है कि देरी करने से प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में यह भर्ती फंस सकती है। यह भी आरोप लगाया कि भर्ती विज्ञापन जारी करने के बजाय शिक्षकों के रिक्त पदों का आंकलन कराने के नाम पर भर्ती को लटकाने की कोशिश की जा रही है। रिक्तियां जल्द भरे जाने की मांग की है।