सहारनपुर। सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। एक ओर जहां प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी स्वेटर और कोट के साथ ही जूते पहनकर विद्यालय पहुंच रहे हैं। वहीं परिषदीय विद्यालयों का नौनिहाल अभी तक बिना स्वेटर और बिना जूतों के ठिठुरते हुए विद्यालय पहुंच रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह 77,000 से अधिक अभिभावकों के बैंक खातों में स्वेटर, जूते और यूनिफॉर्म आदि का पैसा नहीं पहुंचना है।
प्रदेश सरकार ने इस बार यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते और स्वेटर आदि का पैसा विभागीय खातों की बजाय पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों के खातों में सीधे भेजने का निर्णय लिया है। इसके लिए अभिभावकों के बैंक खाते पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं, जिसमें दो माह से अधिक का समय शिक्षकों को लगा है। जनपद में 1438 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या 2,29000 है। पंजीकरण अब भी चल रहे हैं। सरकार ने स्वेटर, जूतों, यूनिफॉर्म और स्कूल बैग आदि का पैसा अभिभावकों के खातों में भेजना शुरू कर दिया है। पैसा दो चरणों में भेजा जा रहा है। पहले चरण में जनपद के प्रथम चरण में 1,14588 विद्यार्थियों के 77,444 अभिभावकों के खातों में पैसा भेजा जाना था, जिनमें से 14 नवंबर 2021 तक 77, 213 के खातों में पैसा ट्रांसफर किया जा चुका है। 231 ऐसे अभिभावक हैं, जिनका ट्रांजेक्शन किन्हीं कारणों से फेल हो गया है। सरकार प्रदेश भर में इसी तरह पहले चरण में आधे अभिभावकों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर रही है। पहला चरण पूरा होने के बाद शेष अभिभावकों के खातों में पैसा जाएगा। ऐसे में जनपद में भी अभी करीब 77,444 अभिभावक ऐसे हैं, जिनके खातों में दूसरे चरण में पैसा भेजा जाएगा। तब तक संबंधित अभिभावकों के बच्चों को बिना यूनिफॉर्म, जूतों, स्वेटर और स्कूल बैग के ही विद्यालय आना पड़ेगा।