जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना से उबरने के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षण ने रफ्तार पकड़ ली है। शिक्षक कोर्स पूरा करने में जुटे हैं वहीं दूसरी तरफ अभी तक शत-प्रतिशत छात्रों में ड्रेस, जूता-मोजा का वितरण नहीं किया गया है। जिले के 4.76 लाख छात्रों में विभाग ने सिर्फ 2.60 लाख छात्रों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी है। ठंड के मौसम में ड्रेस न मिलने से गरीब छात्रों को परेशानी हो रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग छात्रों के यूनिफार्म, जूते-मोजे और स्वेटर आदि की रकम अभिभावकों के खाते में भेज रहा है। बहुत से अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज दी गई है, लेकिन 2.16 लाख अभिभावक ऐसे हैं जिनके खाते में धनराशि नहीं पहुंची है। जिनके खाते में पैसे नहीं पहुंचे हैं, वे स्कूलों का चक्कर काट रह हैं। इसके उलट जिनको पैसा मिल रहा है, उन्होंने यूनिफार्म खरीदे ही नहीं है। लिहाजा बच्चे बगैर यूनिफार्म के स्कूल आ रहे हैं। ठंड शुरू हो गई लेकिन बिना स्वेटर, जूता- मोजा के स्कूल आ रहे हैं। अभिभावकों के खाते में भेजा जाना है 1100 रुपये
परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के दो जोड़ी यूनिफार्म का 600 रुपये, स्वेटर का 200, जूता-मोजा का 125 और बैग खरीदने के लिए 175 रुपये अभिभावकों के खाते में भेजा जाना है।
— जनपद के 4.76 लाख छात्रों में 2.60 लाख के खाते में धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी दी गई है। बचे अभिभावकों के खाते में जल्द ही धनराशि चली जाएगी। अभिभावकों से अपील है कि धनराशि मिलने के एक सप्ताह के भीतर खरीद कर विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सूचित करें। प्रतिदिन छात्र-छात्राओं को यूनिफार्म में ही भेजें।
डाक्टर गोरखनाथ पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।