प्रयागराज : यूपी बोर्ड के कक्षा 9 के छात्र ओएमआर शीट पर भी परीक्षा देंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड ने बड़ा बदलाव किया है। लिखित परीक्षा के 70 अंकों के प्रश्नपत्र को दो भागों में बांटा गया है। प्रश्नपत्र के लगभग 30 प्रतिशत अंक यानि 20 अंक का प्रथम भाग बहु विकल्पीय प्रश्न (मल्टीपल च्वॉयस क्वेश्चन) पर आधारित होगा जिसका उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा।
70 नंबर के प्रश्नपत्र का दूसरा भाग (लगभग 70 प्रतिशत या 50 नंबर का) वर्णनात्मक प्रश्नों का होगा जिसके उत्तर पूर्व से चली आ रही व्यवस्था के अनुसार पारम्परिक उत्तर पुस्तिकाओं पर दिए जाएंगे। इन प्रश्नपत्रों में उच्चतर चिंतन कौशल (हॉट्स-हायर ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स) से संबंधित सवाल भी रखे जाएंगे।
खास बात यह है कि नई व्यवस्था 2021-22 सत्र से ही लागू कर दी गई है। सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल ने मंगलवार को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में निर्देश भेजे हैं। 14 अगस्त को जारी कैलेंडर के अनुसार नवंबर में अर्द्धवार्षिक और फरवरी में वार्षिक परीक्षा होगी।
खास-खास
– कक्षा 9 की अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा में 70 नंबर के पेपर में 20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे।
– एक-एक नंबर के कुल 20 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे जिसका जवाब ओएमआर शीट पर देना होगा।
– शेष 70 प्रतिशत अंकों में से 50 नंबर के वर्णनात्मक प्रश्न होंगे। पूरे सत्र में 30 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा।
– कक्षा 9 में 70-70 नंबर अर्द्धवार्षिक व वार्षिक और 30 नंबर आंतरिक मूल्यांकन को जोड़कर वार्षिक परीक्षा के बाद कुल योग 170 अंक होगा।
– हाईस्कूल में भी 70 नंबर की अर्द्धवार्षिक परीक्षा, 70 अंक की वार्षिक परीक्षा और 30 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन होगा।
– हाईस्कूल के परीक्षा पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 10वीं में वार्षिक परीक्षा के बाद कुल योग 170 अंक होगा।
– कक्षा 11 व 12 की अर्द्धवार्षिक, वार्षिक/प्री-बोर्ड परीक्षाओं में अंक विभाजन व्यवस्था पिछले साल की तरह है। इसमें भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार कक्षा 9, 10, 11 व 12 की अर्द्धवार्षिक, वार्षिक, प्री बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय सारिणी के अनुसार संपादित हो, इसके लिए डीआईओएस को सभी प्रधानाचार्यों को सूचित करने और बैठक कर निर्देशित करने के निर्देश दिए गए हैं। ओएमआर शीट का प्रारूप भी भेजा गया है।
– दिव्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड