आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कॉलेजों का सत्र 2020-21 का प्रथम वर्ष का परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है। इस सत्र के तमाम छात्रों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी-2021) का फॉर्म भरा है। 28 नवंबर को परीक्षा है। इसमें प्रवेशपत्र के साथ पत्र के साथ अंकपत्र की प्रति भी मांगी गई है। अभ्यर्थियों को डर है कि वह परीक्षा में शामिल होने से वंचित न हो जाएं।
2020-21 में बीएड प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों ने द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र के तौर पर टीईटी का फॉर्म भरा है। सचिव बीएड के छात्र देवांश उपाध्याय का कहना है कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार परीक्षा केंद्र पर प्रवेशपत्र के साथ पहचान पत्र और किसी भी सेमेस्टर में निर्गत अंकपत्र की मूल प्रति या प्रमाणित प्रति ले जाना होगा। जो कि प्रथम वर्ष का परिणाम न जारी होने से अभ्यर्थियों के पास नहीं है। 1200 रुपये फीस जमा करके फॉर्म भरा है, परीक्षा के लिए प्रवेशपत्र जारी हो गया है।
परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है
बीएड परिणाम न जारी होने से परीक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। सेंट जोंस कॉलेज की छात्रा श्वेता जादौन, आरबीएस कॉलेज के छात्र अमित सिंह, आचार्य ताराचंद शास्त्री महाविद्यालय, एत्मादपुर के छात्र आशुतोष शर्मा व छात्रा नूतन ने भी टीईटी के लिए फार्म भरा है। इनको परिणाम का इंतजार है। बीएड प्रथम वर्ष की परीक्षा कोरोना की वजह से नहीं हुई थी। छात्र छात्राओं को प्रोन्नत किया जाना है।
21 हजार में महज 7000 छात्रों की फीस जमा हुई
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने कहा कि सत्र 2020-21 में बीएड प्रथम वर्ष में 21,000 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसमें से महज 7000 की ही फीस जमा है। जिन कॉलेजों की ओर से फीस जमा कर दी गई है, उनके परिणाम जारी करने के निर्देश एजेंसी को दे दिए गए हैं। सोमवार तक परिणाम जारी कर दिया जाएगा। बाकी कॉलेजों के परिणाम फीस जमा होने के बाद जारी किए जाएंगे।