लखनऊ : टीईटी पेपर लीक होने के बाद रद्द की गई परीक्षा को दुबारा कराने के लिए तारीख का एलान कर दिया गया है। अब टीईटी परीक्षा 26 दिसंबर या इससे पहले भी हो सकती है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि 26 दिसंबर को टीईटी परीक्षा कराने का प्रस्ताव मिला है। अधिकारियों को इस तिथि को कोई अन्य परीक्षा या कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं हैं, इसका परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि 26 दिसंबर को कोई अन्य परीक्षा प्रस्तावित है तो इससे पहले परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा की तिथि शाम तक घोषित होगी। सूबे के मुखिया ने पेपर लीक होने पर इसमें संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। साथ ही एक महीने के अंदर परीक्षा कराने का एलान भी किया था।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद परीक्षा निरस्त कर दी गई है। इस परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले ही लीक हो गया था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस मामले में यूपी एसटीएफ व पुलिस ने अलग अलग जिलों से 26 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। मामले में अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि टीईटी की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा एक माह के अंदर दोबारा कराई जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिस तरह से अन्य माफियाओं को खत्म किया गया है उसी तरह नकल माफियाओं को खत्म करने का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है। इसमें परीक्षा नियामक आयोग या संबंधित एजेंसी की गड़बड़ी रही है तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें कुछ बिहार के रहने वाले भी हैं।
प्रशांत कुमार ने बताया कि परीक्षा निरस्त होने की वजह से अभ्यर्थियों पर कोई भार नहीं आने दिया जाएगा। उन्हें न तो फीस दोबारा जमा करनी पड़ेगी और न ही घर वापस जाने के लिए रोडवेज की बसों में किराया लगेगा। प्रदेश सरकार ने अभ्यर्थियों को घरों तक पहुंचाने के लिए इंतजाम किया है और प्रवेश पत्र दिखा कर अभ्यर्थी अपने घरों को सरकारी बसों से जा सकेंगे।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि इस परीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक आयोग की थी। जिस एजेंसी को यह परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है, भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे मिली पेपर लीक होने की खबर
देर रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में टीईटी का प्रश्नपत्र वायरल होने की सूचना यूपी एसटीएफ को मिली। इस परीक्षा को लेकर पहले से सक्रिय एसटीएफ ने तत्काल वायरल हो रहे प्रश्नपत्र को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ साझा किया और प्रश्नपत्र की सत्यता पता की। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संबंधित से इसकी पुष्टि की और बताया कि यह हूबहू वही पेपर है जो परीक्षा में आने वाला था। इस पर एसटीएफ ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की और सुबह होते होते दो दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया गया। इसमें से पूछताछ के बाद 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।