प्रयागराज: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) परीक्षा- 2021 निरस्त होने से अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। अभ्यर्थी दो साल से इस परीक्षा के आयोजन का इंतजार कर रहे थे। अभ्यर्थियों को चिंता सता रही है कि अगर परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ तो वे आवेदन नहीं कर सकेंगे। ऐसे में उनके हाथ से शिक्षक भर्ती का एक बड़ा अवसर निकल जाएगा।युवा मंच के संयोजक राजेश सचान और अध्यक्ष अनिल सिंह का कहना है कि यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार सूबे के परिषदीय विद्यालयों में तीन लाख से अधिक पद खाली हैं। अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि यूपी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार परिषदीय विद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इस मुद्दे पर कई महीनों से प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन जारी है। अगर एक माह के भीतर टीईटी का आयोजन दोबारा कराया जाता है तो इसके बाद परिणाम का इंतजार करना होगा।ऐसे में टीईटी की प्रक्रिया को पूरा होने में वक्त लगेगा।
इस बीच परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए कोई नया विज्ञापन जारी होता है तो लाखों अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे। पिछले साल कोविड के कारण टीईटी का आयोजन नहीं कराया जा सका था। ऐसे में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों की संख्या भी बढ़ गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी का दोबारा आयोजन कराने और परीक्षा परिणाम घोषित करने में डेढ़ से दो माह का वक्त लग सकता है।इस बीच नई भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ तो आवेदन में पेच फंस सकता है। अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि परीक्षा और परिणाम इस प्रकार से व्यवस्थिति किया जाए कि अगर इस बीच कोई नई शिक्षक भर्ती निकलती है तो इसमें टीईटी-2021 के अभ्यर्थियों को भी शामिल होने का मौका मिल सके। उधर, प्रतियोगी छात्र नेता जितेंद्र यादव का आरोप है कि टीईटी का पेपर वायरल होने के पीछे साजिश है, ताकि नई शिक्षक भर्ती को टाला जा सके। अगर टीईटी का आयोजन समय से हो जाता तो अभ्यर्थी नई शिक्षक भर्ती के लिए सरकार पर ही दबाव बनाते।
मेहनत पर फिरा पानी, फिर करनी होगी तैयारी
यूपी टीईटी की पहली पाली की परीक्षा देकर अभ्यर्थी जब बाहर निकले तब उन्हें पता चला कि परीक्षा निरस्त कर दी गई है। यह खबर सुनकर अभ्यर्थी मायूस हो गए। वहीं दूसरी पाली की परीक्षा देने के लिए तमाम अभ्यर्थी केंद्रों पर पहुंच गए थे। लेकिन उन्हें बाहर से ही परीक्षा निरस्त होने की जानकारी देकर लौटा दिया गया। सोरांव के रहने वाले आलोक मिश्र का परीक्षा केंद्र चाका के एक विद्यालय में था। उनका कहना है था कि शहर से काफी दूर केंद्र बनाया गया था। किसी तरह परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। पेपर भी अच्छा हुआ था लेकिन बाहर निकले तो पता चला कि पेपर आउट हो गया और परीक्षा निरस्त हो गई। वहीं शहर के शिवकुटी की रहने वाली पारूल मिश्रा का परीक्षा केंद्र महेवा के एक कॉलेज में था। परीक्षा निरस्त होने का पता चलने पर वह निराश दिखीं।उनका कहना था कि चूक चाहे किसी की भी हो, लेकिन इसका खामियाजा विद्यार्थियों को ही भुगतना पड़ता है। अब उन्हें नए सिरे से परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी।
नैनी की रीमा सिंह और रीतू ने बताया कि उनका पेपर बहुत अच्छा हुआ था। पेपर निरस्त होने से उन्हें निराशा हुई। अब दोबारा तैयारी करनी पड़ेगी। सलोरी निवासी शिशिर कुमार का परीक्षा केंद्र शहर में था।वह परीक्षा देकर बाहर निकले तो पता चला कि परीक्षा ही निरस्त हो गई है। इससे वह उदास हो गए। उनका कहना था कि अब उन्हें फिर से इस परीक्षा की तैयारी करनी पड़ेगी। वहीं दूसरी पाली की भी परीक्षा निरस्त होने की जानकारी होने के बाद भी तमाम अभ्यर्थी अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। जब उन्हें केंद्र पर बताया गया तब वह लौटे।