मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उनकी तालीम पर सवाल उठाया। कहा, संस्कारहीन और शिष्टाचार विहीन शिक्षा देशद्रोही और राष्ट्रवादी में फर्क नहीं कर सकती है। उन्होंने अखिलेश के सरदार पटेल और जिन्ना का नाम एक साथ लिए जाने पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रारंभिक दौर में अभिभावक अगर बच्चों को उचित संस्कार नहीं दे पाते हैं तो इस तरह की समस्या आती है।
उन्होंने कहा कि बेसिक स्कूलों के छात्रों को सामान्य शिष्टाचार व साफ-सफाई को भी सिखाया जाए। संस्कारहीन शिक्षा कभी भी राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र द्रोह में अंतर नहीं कर पाएगी। प्रदेश में छह लाख से अधिक शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र हैं। अगर यह जिम्मेदारी उठाएंगे तो यह सपना भी संभव हो सकता है।