राज्य सरकार के 15 लाख से ज्यादा पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) देने का आदेश हो गया है। विशेष सचिव वित्त नील रतन कुमार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि इस राहत में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इससे पेंशन पर अनुमन्य महंगाई राहत की दर 28 प्रतिशत से बढ़कर 1 जुलाई, 2021 से 31 प्रतिशत हो जाएगी।
यह आदेश शिक्षा व प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के ऐसे पेंशनरों पर भी लागू होंगे जिन्हें सरकारी पेंशनरों के समान पेंशन व पारिवारिक पेंशन अनुमन्य है। यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, स्थानीय निकायों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के सेवकों पर लागू नहीं होगा।
इनके संबंध में संबंधित विभागों द्वारा अलग से आदेश जारी किया जाएगा। अखिल भारतीय सेवाओं के पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों के संबंध में अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
डीए में तीन प्रतिशत की वृद्धि का आदेश भी हो चुका है जारी
इसके पहले प्रदेश सरकार ने 17 दिसंबर को राज्य कर्मचारियों तथा सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारियों तथा यूजीजी वेतनमान में कार्यरत पदधारकों के महंगाई भत्ते (डीए) में तीन प्रतिशत की वृद्धि संबंधी शासनादेश जारी किया था। बढ़ा हुआ डीए जुलाई 2021 से देय होगा और यह मौजूदा 28 प्रतिशत से बढ़कर 31 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश के 16 लाख से अधिक कार्मिक इसका फायदा पाएंगे।
अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने यह भी कहा था कि जुलाई से नवंबर तक का डीए कर्मचारियों के जीपीएफ में जमा होगा जबकि दिसंबर के डीए का नकद भुगतान वेतन के साथ एक जनवरी, 2022 को किया जाएगा। जिन कार्मिकों की सेवाएं शासनादेश जारी होने की तिथि से पूर्व समाप्त हो गई है, अथवा जो एक जुलाई 2021 से शासनादेश जारी होने की तिथि तक सेवानिवृत्त हो गए हैं, या छह महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें बकाया डीए की पूरी धनराशि नकद दी जाएगी।