गोरखपुर : रिश्वत लेने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तनू भटनागर ने शनिवार को अभियुक्त कमलनयन को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर आठ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जानकारी के मुताबिक, कमलनयन, सुल्तानपुर जिले के अखंडनगर थाना क्षेत्र के मीरपुर प्रतापपुर का रहने वाला है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक परमानंद राम त्रिपाठी का कहना था कि वादी वीरेंद्र यादव की पुत्री बिंदु यादव जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरहुरपुर की कक्षा 10 की छात्रा थी। वह वर्ष 2007 की परीक्षा में शामिल हो रही थी। इसी स्कूल में परीक्षा केंद्र बना था।
5 मार्च 2007 से 10 मार्च तक विद्यार्थियों को प्रवेशपत्र वितरण की सूचना दी गई थी। विद्यालय में प्रवेश देने के नाम पर 250 रुपये रिश्वत ली जा रही थी। वादी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि विद्यालय के अध्यापक को घूस लेते रंगे हाथ पकड़वाना चाहता था। इस पर एक ट्रैप टीम का गठन हुआ और 7 मार्च 2007 को अभियुक्त कमलनयन को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। अब विशेष न्यायाधीश ने सजा सुनाई है।