लखनऊ। 97 हजार शिक्षकों की नई भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मांग को लेकर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को सुबह विधान भवन का घेराव किया। बड़ी संख्या में प्रशिक्षुओं के पहुंचने से बाबू भवन चौराहा जाम हो गया। अभ्यर्थी बाबू भवन से लेकर विधान भवन के सामने तक फैल गए। एक घंटे से अधिक समय तक चौराहे पर आवागमन ठप हो गया। विधानसभा मार्ग पर भी जाम बना रहा। प्रशिक्षुओं ने भाजपा कार्यालय के सामने भी प्रदर्शन किया। करीब ढाई से तीन घंटे तक विधान भवन के सामने प्रदर्शनकारी जमा रहे। इससे सबेरे के समय ट्राफिक जाम से लोग काफी परेशान हो गए।सहायक शिक्षकों के 97 हजार पदों पर नई भर्ती विज्ञापन जारी किए जाने की मांग को लेकर बीते कई माह से डीएलएड प्रशिक्षु समेत बीटीसी, बीएड प्रशिक्षु आंदोलन कर रहे हैं। डीएलएड मोर्चा के रजत सिंह ने बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया था कि 51112 पद रिक्त हैं। वहीं, 68500 शिक्षकों की भर्ती में करीब 22 हजार पद खाली हैं। हर वर्ष 10 से 12 हजार शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। इन सबको जोड़कर करीब 97 हजार पदों का विज्ञापन निकाला जाए। वहीं, डीएलएड प्रशिक्षुओं के नेता भानू प्रताप शुक्ल बताते हैं कि 2017 से सरकार ने कोई भी नई शिक्षक भर्ती नहीं निकाली है। जबकि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 1.7 लाख पद खाली हैं। डीएलएड प्रशिक्षुओं ने सरकार से अपना वादा पूरा करने और बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की नई भर्ती का विज्ञापन जारी करने की मांग की है।
प्रशिक्षुओं ने निकाला मार्च
करीब ढाई से तीन घंटे तक चले इस प्रदर्शन के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन गाड़ियों से ईको गार्डन भेजा जाने लगा। इस दौरान तमाम प्रशिक्षु केकेसी के पास उतर गए और मार्च निकाल कर पैदल ईको गार्डन तक गए। प्रशिक्षुओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ सख्ती दिखाई। कई प्रशिक्षुओं को चोटें भी आई हैं।
22 दिनों से ईको गार्डन में चल रहा धरना
डीएलएल प्रशिक्षु बीते 22 दिनों से ईको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। इससे पहले यह सभी कई बार बेसिक शिक्षा निदेशालय, शिक्षा मंत्री आवास व भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं।