लखनऊ। कर्मचारी को नियम के विरुद्ध प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने के पुराने मामले में मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक (एडी), मेरठ राजेश कुमार श्रीवास्तव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इन्होंने औरैया में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रहते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के कनिष्ठ सहायक प्रबुद्ध कुमार को गलत ढंग से अपने कार्यालय से संबद्ध रखा।
नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पांच वर्ष की होनी चाहिए, लेकिन आठ वर्ष तक प्रतिनियुक्त रखा। यही नहीं इस कर्मचारी को कार्यमुक्त करने के कानपुर मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा आठ मार्च, 2016 को जारी किए गए पत्र की भी अनदेखी की। विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा आरवी ङ्क्षसह के मुताबिक इस प्रकरण पर इनसे अगस्त, 2017 में स्पष्टीकरण मांगा गया था। इन्होंने बीते सात अप्रैल, 2021 को अपना स्पष्टीकरण दिया था। इस प्रकरण में इन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
उधर, कर्मचारी के सामान्य भविष्य निधि खाता (जीपीएफ) में उपलब्ध रकम से ज्यादा का भुगतान करने पर हरदोई के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) वीरेंद्र प्रताप सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामला वर्ष 2019 का है, जब वह मऊ में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रभारी प्राचार्य थे। उन्होंने प्रधान सहायक भरत प्रसाद के जीपीएफ खाते में उपलब्ध धनराशि की जांच किए बिना ही उससे अधिक धनराशि निकालने की स्वीकृति दे दी। इस आधार पर ज्यादा धनराशि का भुगतान कर दिया गया। 15 दिन में इनसे जवाब मांगा गया है।