सरकार ने आधार वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक (डब्ल्यूआरआई) की एक नई शृंखला जारी की है।
श्रम मंत्रालय का कहना है कि आधार वर्ष 2016 के साथ डब्ल्यूआरआई की नई शृंखला 1963-65 के आधार वर्ष की पुरानी की जगह लेगी। इसमें कई बदलाव किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई सीरीज से न्यूनतम वेतन के निर्धारण में मदद मिलेगी।
श्रम मंत्रालय का कहना है कि केन्द्र सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है ताकि अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलाव को प्रतिबिंबित किया जा सके और श्रमिकों के वेतन प्रतिरूप को शामिल किया जाए।
इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग आदि की सिफारिशों के अनुसार, मजदूरी दर सूचकांक का दायरा बढ़ाने और इसे ज्यादा बेहतर बनाने के लिए श्रम ब्यूरो ने मजदूरी दर सूचकांक के आधार वर्ष में बदलाव किया है।