बाराबंकी। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। दिन के तापमान में भी गिरावट आई है। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत 50 प्रतिशत बच्चों को ड्रेस और जूूते-मोजे की राशि नहीं मिल सकी है। वहीं जिन्हें राशि मिली है उनके अभिभावक द्वारा ड्रेस खरीद की मॉनीटरिंग भी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की जा रही है। ऐसे में ठंड में बच्चे ठिठुरते हुए विद्यालय पहुंचेंगे।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 2636 प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में चार लाख 19 हजार 440 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। जिले के बीएसए कार्यालय से भेजी गई सूचना के आधार पर सर्दी को देखते हुए शासन स्तर से अब तक 2 लाख 19 हजार 573 नौनिहालों के ड्रेस और जूता-मोजा की राशि प्रति छात्र 1100 रुपये के हिसाब से उनके अभिभावकों को भेजी जा चुकी है।
जबकि अभी भी एक लाख 99 हजार 927 बच्चों को यह राशि नहीं मिल सकी है। गौर करने वाली बात तो यह है कि जिन नौनिहालों को राशि भेजी गई है उनमें से कितनों ने ड्रेस और जूता-मोजा खरीदा इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं हैं। मॉनीटरिंग न होने से अभिभावक भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अभिभावक ड्रेस और जूते-मोजे के पैसे को खेती-किसानी में लगा रहे हैं।
15 तक राशि भेजने की है प्राथमिकता
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सभी 4 लाख 19 हजार 440 नौनिहालों को ड्रेस और जूते-मोजे की खरीद के लिए 15 दिसंबर तक राशि भेजने के निर्देश शासन स्तर से हैं। इसके लिए विभाग को ब्लॉकवार स्कूलों के नौनिहालों का डाटा तैयार कर निदेशालय को भेजना है। जिसके आधार पर सीधे राशि बच्चों के अभिभावकों के खातों में पहुंचती है।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का पूरा विवरण शासन को भेज दिया गया है। पैसा भेजने का कार्य शासन स्तर से किया जा रहा है। छात्रों के खाते में पैसा भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
अजय कुमार सिंह, बीएसए