पीडीडीयू नगर। नई शिक्षा नीति के तहत परिषदीय विद्यालयों में कक्षा दो से लेकर आठ तक की सभी विषयों की पाठ्य पुस्तिकाओं के नाम बदले जाएंगे। अब तक इन विषयों की किताबों के नाम एक ही थे। इससे बच्चों में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। इसे देखते हुए शासन ने परिषदीय स्कूलों में कक्षा दो से लेकर आठ तक की पाठ्य पुस्तकों के नाम बदल दिए हैं। वहीं पुस्तकों के पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गई है
अब कक्षा दो में पढ़ाई जाने वाली किताब कलरव का नाम किसलय होगा जबकि कक्षा तीन में इसी पुस्तक कलरव को पंखुड़ी, कक्षा चार में फुलवारी और कक्षा पांच में वाटिका नाम से जाना जाएगा। इसी तरह गिनतारा पुस्तक को कक्षा तीन में अंकों का जादू, चार में अंक जगत और पांच में गणित ज्ञान के नाम से जाना जाएगा। कक्षा चार की अन्य पुस्तकों हमारा परिवेश, रेनबो और संस्कृत पीयूषम आदि नामों को बदलकर पर्यावरण, स्प्रिंग और संस्कृत सुधा कर दिया गया है। कक्षा पांच में अब तक पढ़ाई जाने वाली पुस्तकें हमारा परिवेश, रेनबो और संस्कृत पीयूष का नाम बदलकर प्रकृति, पेटल्स और संस्कृत सुबोध कर दिया गया है।कक्षा छह की मंजरी, गणित, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पीयूषम और रेनबो आदि किताबें अब अक्षरा, सीख गणित, विज्ञान भारती, संस्कृत निधि और इंग्लिश रीडर फर्स्ट के नाम से होगी। वहीं कक्षा सात की किताबें मंजरी, गणित, पृथ्वी और हमारा जीवन, आओ समझें विज्ञान, संस्कृत पियूषम, रेनबो, गृहशिल्प और महान व्यक्तित्व का नाम बदल कर दीक्षा, गणित प्रकाश, हमारा भूमंडल, विज्ञान भारती-दो, संस्कृत मंजूषा, इंग्लिश रीडर-सेकेंड, गृह कौशल और भारत की महान विभूतियां कर दिया गया है।
नई पुस्तकों के कवर पेज भी एनसीईआरटी की पुस्तकों की तर्ज पर बदल दिए गए हैं। इसके अलावा इन्हें बच्चों के रुचिकर रंगों और आकृतियों से सजा दिया गया है। बच्चों की अभिरुचि को देखते हुए इसे पहले से अधिक आकर्षक बना दिया गया है। सत्येंद्र कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, चंदौली।