प्रयागराज : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली बार लागू होने जा रहे हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की रूपरेखा सीमैट एलनगंज में तैयार होगी। अनुभूति/हैप्पीनेस कार्यक्रम पर आधारित पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए 13 से 18 दिसंबर तक शिक्षकों की अभिमुखीकरण कार्यशाला सीमैट में आयोजित की जा रही है।
सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से हैप्पीनेस पाठ्यक्रम प्रदेश के 15 जिलों के 150 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। इनमें प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अमेठी, सिद्धार्थनगर, देवरिया, अयोध्या, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, आगरा, मथुरा, गाजियाबाद, मेरठ और मुरादाबाद शामिल हैं।राज्य संदर्भदाता और कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन प्रयागराज के प्रवक्ता पवन श्रीवास्तव ने बताया कि पहले चरण में यूपी के विशेषज्ञों ने दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश जैसे उन राज्यों के हैप्पीनेस पाठ्यक्रमों का अध्ययन किया, जहां ये पहले से संचालित है।उसके बाद दूसरे चरण में पाठ्यक्रम विकसित किया जाना है। इसके लिए कार्यशाला होने जा रही है। जिसमें चार विशेषज्ञ प्रदेशभर के 32 शिक्षकों को हैप्पीनेस पाठ्यकम के विषय में जानकारी देते हुए किताबें कैसे लिखें, इसकी जानकारी देंगे। किताब लेखन का कार्य ऑनलाइन और ऑफलाइन होगा।अगले सत्र से चयनित 150 स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को गणित और विज्ञान आदि विषयों की तरह एक कक्षा हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की लगेगी।
क्या है हैप्पीनेस पाठ्यक्रम
खुशी क्या है, क्या हमारे पास उपलब्ध सुविधाएं खुशी हैं, हम खुश कब होते हैं, जब कोई दुखी हो तो क्या हम खुश हो सकते हैं, किसी ने हमें परेशान किया तो हम कितनी बार परेशान हुए। इस तरह के कई सवालों का जवाब हैप्पीनेस पाठ्यक्रम में शामिल हैं। किस तरह खुश रहा जा सकता है। किस तरह कृतज्ञता, दयालुता, सहज, सरल रहा जा सकता है। यह सब बातें बच्चों को सिखाई जाएगी।
इनका कहना है
प्रसन्नता एक बहुत ही सरल शब्द है जिसे आमतौर पर लोग भौतिक संसाधनों से जोड़कर देखते हैं। जबकि प्रसन्नता छोटी-छोटी चीजों को बांटने से आती है। बचपन से इस बात का अहसास बच्चों को हो जाए तो शायद आपाधापी भरी जिंदगी में भी लोग और प्रसन्न रहने लगे।
राजकुमार राय सहायक मनोवैज्ञानिक, मनोविज्ञानशाला