लखीमपुर खीरी। परिषदीय स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनाने में निर्माण प्रभारियों/ शिक्षकों द्वारा किए गए घपले सालों बाद उजागर हुए हैं, जिससे 22 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण कराने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। शासन के निर्देश पर कराई गई जांच के बाद ऐसे 22 शिक्षकों को चिह्नित किया गया है, जिनके खिलाफ शीघ्र ही विभाग वसूली की कार्रवाई करेगा।
जनपद के सभी ब्लॉकों के 709 परिषदीय स्कूलों के भवन जर्जर घोषित किए जा चुके हैं, जिन्हें ध्वस्त करने के आदेश भी पिछले वर्ष दिए गए थे। इस वर्ष जर्जर भवनों को ध्वस्त करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी कराई गई, लेकिन जर्जर भवनों की लागत अधिक होने से ठेकेदारों ने बोली नहीं लगाई थी। लिहाजा विभाग ने पुन: जर्जर भवनों का मूल्यांकन कराकर लागत को कम किया है, लेकिन इस बीच शासन ने 15 वर्ष के अंदर जर्जर हुए भवनों की सूचना मांगी। साथ ही ऐसे जर्जर भवनों का निर्माण कराने वाले निर्माण प्रभारियों/शिक्षकों का ब्योरा भी तलब किया तो जांच में 22 जर्जर भवन ऐसे मिले, जो निर्माण के बाद 15 वर्ष के अंदर ही जर्जर हो गए। इससे स्पष्ट है कि निर्माण प्रभारियों ने कमीशन खोरी व कमाई के चक्कर में बच्चों के भविष्य को दांव पर लगाते हुए घटिया सामग्री का प्रयोग किया। लिहाजा नए भवन 15 वर्ष के अंदर ही जर्जर हो गए, जिससे इन्हें ध्वस्त कराने की नौबत आई है।
नए कक्षा कक्ष का निर्माण कराए जाने के बाद 15 वर्षों के अंदर 22 स्कूलों के कक्ष जर्जर हुए हैं, जिससे इन्हें जर्जर घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। इनके निर्माण प्रभारी रहे शिक्षकों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए वसूली व विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए