प्रयागराज : जूनियर इंजीनियर से 73 लाख रुपये वसूली के मामले सोमवार को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने मामले में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (व्यक्तिगत एवं प्रशासनिक) को जाने से रोक दिया है। वह सोमवार को कोर्ट के सामने पेश हुए ही उन्हें अगली सुनवाई तक यहीं रूकना होगा और कोर्ट के सामने पेश होना होगा। कौर्ट ने बलिया जिले के अधिशासी अभियंतों को भी मौजूद रहने को कहा है।
हाईकोर्ट रघुबीर प्रसाद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने पूछा कि मामले में याची को सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया गया और अब बर्खास्तगी का आदेश वापस ले लिया गया है तो याची के वेतन से वसूली क्यों की जा रही है। कोर्ट ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को सोमवार के लिए तलब किया था, लेकिन उनकी उपस्थिति न होने पर नाराजगी जाहिर की और 73 लाख रुपये की हो रही वसूली पर सख्त रूख दिखाया।
इस पर विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण की जगह निदेशक (व्यक्तिगत एवं प्रशासनिक) और बलिया जिले के अधिशासी अभियंता पेश हैं। तर्क दिया कि जूनियर इंजीनियर से वसूली का आदेश वापस लिया जा रहा है। याची के अधिवक्ता एसके श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि याची से अभी वसूली की जा रही है। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 15 दिसंबर 2021 तय करते हुए उस दिन तक निदेशक और अधिशासी अभियंता को तब तक मौजूद रहने और कोर्ट में पेश होने को कहा है।