सिद्धार्थनगर। ठंड बढ़ गई है। लेकिन, अभी तक परिषदीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के दो लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस एवं स्वेटर की धनराशि नहीं पहुंची है। जिले के सभी 3.54 लाख स्कूली बच्चों में अभी तक सिर्फ 1.60 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में ही धनराशि भेजी गई है। वर्तमान में स्कूली बच्चों के ड्रेस, जूता व स्वेटर की धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में भेजने की व्यवस्था है।
परिषदीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को पिछले वर्ष तक सरकार की तरफ से स्कूलों के माध्यम से ही ड्रेस व स्वेटर का वितरण किया जाता रहा है।
इसमें कई जगहों पर अभिभावकों द्वारा मानक के अनुसार बच्चों का ड्रेस एवं स्वेटर नहीं मिलने और अनियमितता किए जाने का आरोप लगता रहा है। सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए इस वर्ष से बच्चों की ड्रेस की धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में भेजने की व्यवस्था लागू कर दी है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच दिसंबर को प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों के एक करोड़ से अधिक बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस की धनराशि भेजी है। इसमें जिले के 1.60 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी गई है। इससे जिले के परिषदीय स्कूलों में किसी में 25 प्रतिशत तो कहीं 55 प्रतिशत बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस की धनराशि पहुंची है। शिक्षक नेता कलीमुल्ला का कहना है कि जिन परिषदीय स्कूलों के बच्चों का रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया है। उनके खाते में भी धनराशि नहीं पहुंच रही है। जबकि ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, स्वेटर नहीं मिलने से बच्चों को स्कूल आने के दौरान बीमार पड़ने का खतरा है।बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि प्रथम चरण में जिले के 1.60 लाख स्कूली बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस की धनराशि भेजी गई है। जल्द ही दूसरे चरण में शेष बच्चों को भी धनराशि भेज दी जाएगी।
ड्रेस के लिए मिल रहे 11 सौ रुपये
परिषदीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के अभिभावकों के खाते में 11 सौ रुपये भेजी जाएगी। इसमें उन्हें दो जोड़ी ड्रेस, एक स्वेटर, एक बैग, एक जूता व दो मोजा खरीदना होगा। अभिभावकों का कहना है कि ड्रेस आदि के लिए भेजी जा रही धनराशि पर्याप्त नहीं है। इससे मानक के अनुसार ड्रेस की खरीद नहीं हो सकेगी।