लखनऊ : चुनावी साल में योगी सरकार प्रदेश के 16 लाख राज्य कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा देने जा रही है। प्रत्येक राज्य कर्मचारी को परिवार समेत प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की सीमा तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी। उन्हें इलाज की यह सुविधा सरकारी और सरकार की ओर से सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मिलेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार किया है जिस पर वित्त विभाग ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सदन में इसकी घोषणा कर सकते हैं। राज्य कर्मचारी पिछले लगभग पांच वर्षों से कैशलेस इलाज की सुविधा दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कर्मचारियों को इलाज का खर्च मिलता तो लेकिन इसके लिए उन्हें लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कई बार धनराशि की व्यवस्था न हो पाने के कारण कर्मचारी समुचित इलाज नहीं करा पाते हैं।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति के फर्जी मामलों के अलावा इस व्यवस्था में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिलती हैं। राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा की घोषणा सपा सरकार में ही की गई थी लेकिन इसे अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। अब योगी सरकार राज्य कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ देकर चुनावी वर्ष में उनका दिल जीतना चाहती है। केंद्र सरकार में अभी उसके अपने कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं है। लिहाजा राज्य सरकार भी इससे हाथ खींचें रही। चुनावी साल में सरकार राज्य कर्मचारियों को खुश करना चाहती है और आयुष्मान योजना ने उसे रास्ता दिखाया है।
05 लाख की सीमा तक सरकारी व सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में करा सकेंगे इलाज
16 लाख कर्मचारियों को चुनावी साल में खुश करने का इरादा