गोरखपुर।प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस/अनुभूति पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन की कवायद शुरू हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू किया जाएगा। इस संबंध में 13-18 दिसंबर तक राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में कार्यशाला का आयोजन किया गया है।पाठ्यक्रम को विकसित करने में दिल्ली हैप्पीनेस कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले गोरखपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलबिलवा पिपराइच के शिक्षक श्रवण कुमार शुक्ला अहम भूमिका निभाएंगे। इनके साथ संदर्भ व्यक्ति के रूप में गोरखपुर डायट से जयप्रकाश ओझा, प्रयागराज के पवन श्रीवास्तव और उत्तराखंड के मदन पांडेय अहम भूमिका निभाएंगे।शिक्षक श्रवण कुमार शुक्ला ने बताया कि आज के संदर्भ में यह पाठ्यक्रम शैक्षिक क्षेत्र से जुड़े एवं अन्य लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा। हर तरफ तनाव, अवसाद, बेवजह आवश्यकताएं विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। ऐसे में खुशी के पाठ्यक्रम की उपयोगिता और प्रासंगिकता बढ़ जाती है। बच्चों को सीखने के लिए मानसिक तौर पर कैसे तैयार करें, यह एक चुनौती है।
इससे अध्यापक, अभिभावक और विद्यार्थियों के बीच खालीपन आ जाता है। इस खालीपन को हैप्पीनेस पाठ्यक्रम से दूर किया जा सकता है। जब तक अध्यापक बच्चों से भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ेंगे तब तक न तो सीखने सिखाने की प्रक्रिया उपयुक्त ढंग से संचालित हो सकती है और न ही वे सफल अध्यापक के रूप में प्रतिष्ठित हो सकते हैं।
जयप्रकाश ओझा ने बताया कि हैप्पीनेस पाठयक्रम का प्रभारी राज्य परियोजना कार्यालय के सौरव मालवीय को बनाया गया है। संदर्भ व्यक्ति के रूप में पूरे प्रदेश से श्रवण कुमार शुक्ल सहित चार लोगों का चयन किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से एक कोर टीम बनाने में मदद मिलेगी।