वाराणसी, लखनऊ समेत पूरा उत्तर प्रदेश कड़ाके की ठंड का कहर झेल रहा है। रविवार रात इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात गुजरी। सोनभद्र के चुर्क में 4.9 डिग्री तापमान रहा तो लखनऊ में पारा 5.5 डिग्री तक लुढ़क गया। शीतलहर को देखते हुए वाराणसी में 23 और 24 को सभी स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। ऐसे में चार दिन स्कूल बंद रहेंगे।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों को 23 और 24 दिसंबर को बंद रखने का आदेश दिया है। 25 को क्रिसमस के कारण स्कूल पहले से बंद हैं। 26 को रविवार के कारण बंद रहेंगे। अगर रविवार को भी मौसम का रुख ऐसा ही रहा तो छुट्टी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि अगले तीन से चार दिनों तक भीषण शीतलहर की चेतावनी दी गई है। इसके कारण दिन के तापमान में अत्यधिक गिरावट की संभावना है। शीतलहर को देखते हुए 23 और 24 दिसंबर को जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी के साथ ही सीबीएसई, आईसीएससी वाले स्कूल भी बंद रहेंगे।
वाराणसी समेत प्रदेश में अगले दो दिन पारा और गिरने की संभावना है। इसके बाद गुरुवार से मामूली राहत मिलने का अनुमान है। मौसम ने पिछले चार दिनों से मिजाज बदला है। चार दिन पहले न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। इसके बाद से न्यूनतम तापमान नीचे गिरता जा रहा है। बीती रात लखनऊ में रात 2.30 बजे के आसपास पारा 5.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सुबह हल्की घुंध रही। सुबह सात बजे तापमान 8 डिग्री और नौ बजे 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
भीषण ठण्ड के चलते जिले में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार को सुबह से चल रही शीतभरी पछुआ हवा ने गलन को बढ़ा दिया है। दोपहर में धूप रहने के बाद भी लोग ठण्ड से ठिठुरते रहे। बाजारों में कोयला, गर्म कपडे़, टोपी, हीटर की बिक्री तेज हो गई है। हालांकि ठण्ड अभी पिछले सालों का रिकार्ड नहीं तोड़ पाई है। लेकिन पिछले तीन दिनों से लोक कांप उठे है।
जिले में भोर में अधिकतम तापमान 20 व न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि दिन में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस हो गया था। सुबह छह बजे के बाद हवा चलने से कोहरा गायब हो गया। ठण्ड के चलते पशुपालकों को पशुओं की देखभाल करने में छक्के छूट जा रहे हैं। गलन के चलते पशुओं को चारा पानी देने व छोड़ने बांधने का काम मुश्किल से हो पा रहा है। शहर में शाम होते ही सड़को पर सन्नाटा पसर जा रहा है।
फिजिशियन डॉक्टर इंद्र कुमार के अनुसार इस समय कोल्ड डायरिया के मरीजों की संख्या अधिक हो जाती है। ऐसे में प्रयास करें की ठंड से बचाव के लिए शरीर के पूरे हिस्से को ढ़ककर रखे। ठंडे पानी का सेवन न करें। ठंडी महसूस होने पर चाय, काफी या गरम चीजों का सेवन करें। बुजुर्ग व बच्चे बाहर न निकले।
कड़ाके की ठंड में अजवाइन का रोज करें सेवन
सिरकोनी निवासी वैद्य डा.बीपी मिश्रा का कहना है कि यदि शीत से बचना है तो प्रतिदिन सुबह शाम एक एक चम्मच अजवाइन का सेवन अवश्य करें। यदि शीत का असर दिखे तो शंख भस्म एक रत्ती व कौड़ी भस्म एक रत्ती गर्म पानी या शहद के साथ सेवन करें। खांसी आने पर तुलसी की 21 पत्ती सुबह व शाम चबा कर गर्म पानी पीएं।
होमियोपैथिक दवा से करें शीत से बचाव
शीत से निजात दिलाने होमियोपैथिक दवाएं भी काफी कारगर हैं। इस पैथी के वरिष्ठ चिकित्सक डा.शैलेश सिंह का कहना है कि ठण्ड लगने की आंशका होते ही तुरन्त एकोनाइट नैपलस नामक दवा का प्रयोग करें। यदि शीत का असर हो जाए तो आर्सेनिक नामक दवा काफी लाभप्रद होगी।