2020-21 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2021 है, जो नजदीक आ रही है। अगर आपने अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो किसी तरह के जुर्माने से बचने के लिए जल्द भरें। आईटीआर भरते समय करदाताओं को 8 बातों का ध्यान रखना चाहिए और अपनी हर कमाई एवं लेनदेन की सही जानकारी देनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपको नोटिस आ सकता है।
सही फॉर्म चुनें
रिटर्न भरने से पहले अपनी कमाई के आधार पर सही फॉर्म का चुनाव करें। आयकर विभाग ने कई आईटीआर फॉर्म निर्धारित किए हैं। सही फॉर्म नहीं भरने पर रिटर्न अमान्य हो जाएगा और आयकर कानून के तहत संशोधित रिटर्न भरना होगा।
कमाई के सभी स्रोत बताएं
करदाताओं को कमाई की सही जानकारी देनी चाहिए। अगर आप जानबूझकर या गलती से अपनी आय के सभी स्रोत नहीं बताते हैं तो आयकर विभाग नोटिस आ सकता है। बचत खाते के ब्याज और मकान के किराये से होना वाली कमाई जैसी जानकारियां भी रिटर्न भरते समय देनी होती हैं क्योंकि ये टैक्स के दायरे में आती हैं।
बैंक खातों का ब्योरा दें
आईटीआर में करदाता अपने सभी बैंक खातों का ब्योरा नहीं देते हैं, जिनसे उन्होंने उस वित्तीय वर्ष में लेनदेन किया है। आयकर कानून में स्पष्ट है कि करदाताओं को अपने नाम पर पंजीकृत सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लग सकता है।
फॉर्म-26एएस से करें आय का मिलान
फॉर्म-26एएस या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आपकी कमाई पर काटे गए टीडीएस के भुगतान की सभी जानकारियां देता है। इसलिए रिफंड क्लेम करने से पहले इसकी जरूर जांच करें। साथ ही करदाताओं को आईटीआर भरने से फॉर्म-26एएस और फॉर्म 16/16ए से अपनी आय का मिलान करना चाहिए। इससे टैक्स की गणना की कोई गलती नहीं होती है।
आईटीआर को सत्यापित करें
रिटर्न भरने के बाद आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर उसे सत्यापित कर सकते हैं या सीपीसी-बेंगलुरू भेजकर भी वेरिफाई करा सकते हैं। रिटर्न भरने के 120 दिनों के अंदर सत्यापन जरूरी होता है।
मिले उपहार की जानकारी दें
मिले उपहार की जानकारी भी आईटीआर भरते समय जरूर दें। आयकर नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50,000 रुपये से अधिक कीमत के उपहार मिले हैं तो इस पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
विदेशी बैंक खातों की भी दें सूचना
आयकर नियमों के मुताबिक, भारत के सभी करदाताओं को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों की जानकारी रिटर्न भरते समय देनी होगी।
कर मुक्त आय की गलत जानकारी न दें
करदाता कई बार टैक्स बचाने के लिए कर मुक्त आय की गलत जानकारी देते हैं। पकड़े जाने पर विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।