लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटियों की सुस्ती का संज्ञान लिया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान में अनावश्यक देरी न करें।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराने के लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया था। लेकिन सेवा संगठनों की शिकायत है कि कमेटियों ने उनसे बात तो की। कई मुद्दों को तर्कसंगत व उचित मानते हुए सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन भी दिया। लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हुई।
यहां तक कि जो मांगे बिना अतिरिक्त वित्तीय भार वाली हैं, उन पर भी कोई निर्णय नहीं हो रहा है। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि अधिकारी चुनाव आचार संहिता जारी होने का इंतजार कर निर्णय को लटका रहे हैं। जगह-जगह धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे कर्मचारियों में जबर्दस्त नाराजगी है।
मुख्यमंत्री ने इस स्थिति का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार सभी शासकीय, अर्धशासकीय, संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है। इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं। उन्होंने उच्चस्तरीय समितियों को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों से संवाद कर उनकी समस्याओं व मांगों पर शीघ्र निर्णय लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि अधीनस्थ कर्मियों से संवाद कर उनकी समस्याओं पर त्वरित निर्णय लें। इसमें अनावश्यक विलंब ने किया जाए।