लखनऊ। सरकार ने नाराज चल रहे कर्मचारियों को भी साधने की तैयारी की है। डीए, कैशलेस इलाज व अन्य मुद्दों पर सरकार जल्द ही निर्णय कर सकती है।
कर्मचारियों का जुलाई से तीन प्रतिशत डीए बकाया है। वित्त विभाग दिसंबर के वेतन के साथ जनवरी, 2022 में भुगतान का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज चुका है। इसकी जल्द मंजूरी की उम्मीद है। राज्य कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा का वादा भी अधूरा है। सरकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। कोविड महामारी के दौरान गलत तथ्य रखकर सचिवालय भत्ता समाप्त कर दिया गया था। इसे भी बहाल किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों व सरकारी अस्पतालों की मदद के लिए अलग-अलग कॉर्पस फंड बनाया जा सकता है। यह राशि 100 करोड़ रुपये से लेकर 200 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इनसे संबंधित प्रस्तावों को जल्दी ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जा सकती है।