प्रतापगढ़। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई इस बार काफी प्रभावित हुई। ऐसे में इस बार बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा नहीं हो सकी। अब ओमिक्रॉन का संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। इससे अब वार्षिक परीक्षा पर भी संकट खड़ा हो गया है।
जिले में 2034 प्राइमरी और 722 मिडिल स्कूल हैं। इन विद्यालयों में कुल 2 लाख 84 हजार बच्चे पढ़ते हैं। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई। कोरोना कीपहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी परिषदीय स्कूल बंद रहे। फरवरी के बाद से अक्तूबर माह तक स्कूलों में कक्षाओं का संचालन नहीं हो सका। आठ महीने विद्यालय बंद होने से पिछले शिक्षा सत्र के साथ 2021-22 शिक्षासत्र भी प्रभावित हुआ।
विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का दावा किया जाता रहा, मगर संसाधनों के अभाव की वजह से बच्चे पढ़ाई से वंचित रहे। अक्तूबर माह में स्कूल खुले तो में पठन-पाठन का कार्य शुरू हुआ कोर्स पूरा नहीं था। इस वजह से विभागीय अफसरों ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा नहीं आयोजित की। विद्यालयों को कोर्स पूरा करने का निर्देश दिया गया। अब कड़ाके की ठंड के बीच ओमिक्रॉन का खतरा मंडराने लगा है। विद्यालयों में शीतलहर की छुट्टियां शुरू हो गई हैं। ओमिक्रॉन की वजह से अब वार्षिक परीक्षा पर भी संकट मंडरा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल कड़ाके की ठंड को देखते हुए 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय बंद रहेंगे। वार्षिक परीक्षा से संबंधित अभी तक कोई गाइड लाइन नहीं आई है।