लखनऊ। आंगनबाड़ी केंद्रों के बाद अब प्रदेश सरकार मदरसों में भी प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलाने जा रही है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। पहले चरण में 30 मदरसों का चयन किया जाएगा। माडल के तौर पर विकसित होने वाले 30 मदरसों में 25 आधुनिकीकरण योजना के तहत व पांच अनुदानित मदरसे अलग से चयन किए जाएंगे। इनमें स्मार्ट क्लास, एस्ट्रोनामी लैब, ई-बुक बैंक, ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। साथ ही बेसिक शिक्षा की तर्ज पर प्रयोग के तौर पर ऐसे मदरसे जो अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान करना चाहते है, उन्हें भी बोर्ड अनुमति प्रदान करेगा।
मदरसा बोर्ड की अहम बैठक बुधवार को बोर्ड के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई। इसमें तय किया गया है कि प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने का प्रस्ताव जल्द केंद्र सरकार भेजा जाए। बैठक में मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण कराए जाने पर बल दिया गया। मदरसों के प्रबंधकों ने पिछले दिनों मान्यता नवीनीकरण संबंधी दिशा-निर्देशों की मदरसा मान्यता नियमावली-2016 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, इस पर भी बोर्ड ने सहमति दे दी है। बोर्ड ने यह सुझाव दिए हैं कि नए मदरसों की मान्यता के संबंध में आवेदन की प्रक्रिया आफलाइन है इसे आनलाइन किया जाए।
रजिस्ट्रार मदरसा शिक्षा परिषद को 15 दिनों में एनआइसी के सहयोग से आनलाइन व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड बैठक में वर्ष 2022 की मदरसा परीक्षाओं के आयोजन पर विचार हुआ। यह निर्णय लिया गया कि परीक्षाएं यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के साथ कराई जाएं। पासपोर्ट बनवाए जाने के लिए अंकपत्रों / प्रमाण-पत्रों के सत्यापन के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर सुगम व्यवस्था बनाई जाए। साथ ही मदरसा शिक्षा परिषद के कर्मचारियों की सेवा संबंधी दिक्कतों के निवारण के भी निर्देश दिए गए। बैठक में निदेशक अल्पसंख्यक सी इन्दुमती, बोर्ड के सदस्य कमर अली, असद हुसैन, तनवीर रिजवी, डा. इमरान अहमद, आशीष आनन्द, रजिस्ट्रार एसएन पांडेय मुख्य रूप से उपस्थित थे।