लखनऊ। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब रसोइयों को मनमर्जी से नहीं हटाया जा सकेगा। रसोइयों के खिलाफ शिकायत पर जांच कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही रसोइयों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी। उन्होंने कहा कि रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए संबंधित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अंशकालिक अनुदेशकों को जॉब की गारंटी के लिए उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने और उसे अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अनुदेशक मीनू गुप्ता रणवीर सिंह तथा रसोइया सीमा व रेखा से संवाद किया। कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग की पत्रिका ‘उन्नयन के साढ़े चार वर्ष का विमोचन किया। विभाग पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। परिषदीय स्कूलों के प्रति धारणा बदली
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुए सुधार कार्यों से उनके प्रति धारणा बदली है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले परिषदीय स्कूल बंद होने के कगार पर थे। लेकिन प्रदेश सरकार की पहल और प्रयास से बीते चार वर्ष में परिषदीय स्कूलों में 54 लाख नए नामांकन हुए है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 1.30 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया है।