लखीमपुर खीरी निघासन ब्लॉक में एक शिक्षक द्वारा विभिन्न सुविधाओं के नाम पर अन्य शिक्षकों से धन उगाही किए जाने का मामला सामने आने के बाद अन्य ब्लॉकों में भी इस तरह के मामले होने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) के बतौर शागिर्द कार्य करने वाले शिक्षकों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है, जिनके माध्यम से शिक्षकों से वसूली होती है। लिहाजा शिक्षक संघ भी सामने आया है और विभाग की छवि धूमिल होने का हवाला देते हुए बीईओ की जी हजूरी करने वाले शिक्षकों की जांच कराने की मांग उठाई है
जनपद के 15 ब्लॉकों व एक नगर क्षेत्र में कार्यरत बीईओ के साथ कुछ चुनिंदा शिक्षक उनके हमसाए की तरह रहते हैं। बीईओ के विशेष कृपापात्र होने के चलते ऐसे शिक्षक अपने तैनाती वाले विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने नहीं जाते हैं, बल्कि बीईओ के शागिर्द बनकर उन्हीं के कार्यालय में काम करते हैं। बीईओ के नजदीक होने के कारण यह शिक्षक दूसरे संवर्गीय शिक्षकों में अपनी धाक जमाकर उनके कार्य कराने का आश्वासन देकर उन्हें लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। सूत्र बताते हैं कि बीईओ भी अपने शागिर्द शिक्षकों के माध्यम से ही शिक्षकों के सीसीएल, चिकित्सीय अवकाश, एरियर, विद्यालय न आने की एवज में ठेका हाजिरी आदि कार्य करते हैं। ज्यादातर मामलों में नकद धन उगाही की जाती है, लेकिन कभी-कभी शिक्षक अपने बैंक खाते में रुपये शिक्षण कार्य छोड़कर अन्य कार्यों में लगे शिक्षकों की जांच कराई जाए। इससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है और विभाग की छवि धूमिल हो रही हैं। कुछ शिक्षक व्यक्तिगत स्वार्थवश बीईओ के आगे पीछे घूमते रहते हैं और अपने ही शिक्षक साथियों पर रौब जमाते हैं। ऐसे शिक्षकों की जांच कराने की मांग बीएसए से की है। मनोज कुमार शुक्ला, मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ
निघासन में एक शिक्षक द्वारा अपने बैंक खाते पर अन्य शिक्षकों से पैसा जमा कराने का मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच कराई जा रही है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अन्य ब्लॉकों में बीईओ के साथ काम करने वाले शिक्षकों की जांच कराने की मांग की है, जिस पर जल्द ही कोई निर्णय लिया। जाएगा। डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए
जमा कराने से परहेज नहीं करते। खासकर ठेका हाजिरी वाले शिक्षक प्रतिमाह निश्चित समय पर धनराशि बैंक खाते में भेजते हैं। ऐसे मामले की वजह से ही निघासन का शिक्षक रोहित कुमार जांच के घेरे में आया है, जो बीईओ के इशारे पर शिक्षकों से वसूली कर उन तक रकम पहुंचाता था। निघासन का प्रकरण सामने आने के बाद इसी तरह के मामले अन्य ब्लॉकों में होने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं, क्योंकि सभी ब्लॉकों के बीईओ के साथ कई शिक्षक शागिर्द की भूमिका में लगे हैं। संवाद